देश की राजधानी में हिंदू और उनके धार्मिक स्थल सुरक्षित नहीं है । पहले सेंट्रल दिल्ली के हौज काजी थाने इलाके में स्थित एक मंदिर पर हमला किया गया और अब रोहिणी जिले के बेगमपुर स्थित पंसाली गांव में मंगलवार देर रात कुछ शरारती तत्वों ने एक धार्मिक स्थल में घुसकर तोड़फोड़ कर दी। बताया जाता है कि आरोपियों ने मंदिर में रखी प्रतिमाओं को भी क्षति पहुंचाई।
बुधवार सुबह जब स्थानीय लोग वहां पहुंचे तो खबर आग की तरह फैल गई। इसके बाद मंदिर के बाहर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। स्थानीय हिंदू समाज के लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस तरह की खबर मिलते ही जिला पुलिस उपायुक्त पीके मिश्रा पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे। जिन्होंने उत्तेजित लोगों को समझाया गया। बाद में मामला दर्ज कर पूरे इलाके में पुलिस के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया।
पुलिस अधिकारी लोगों से किसी के बहकावे में न आने की अपील कर रहे हैं। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरु भी कर दी है। लेकिन इलाके में भारी तनाव व्याप्त है जिसको देखते हुए पुलिस को लगातार गस्त पर रहने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक बेगमपुर के पंसाली गांव, कैलाश विहार, ए-ब्लॉक, 20 फुटा रोड पर करीब 200 बजे में शिव शक्ति मंदिर बना हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर यहां पर वर्ष 2002 से मौजूद है। पिछले दिनों मंदिर में निर्माण कार्य भी समाप्त हुआ है। बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे पुलिस को खबर मिली कि किसी ने मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की है। जबकि शरारती तत्वों ने मंदिर में रखी मूर्तियों को भी क्षति पहुंचाई है। इस तरह की खबर मिलते ही पुलिस वहां पहुंच गई। पहले से वहां पर लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा थी।
स्थानीय लोग नारेबाजी कर आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने हालात को देखते हुए तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपियों की पहचान के प्रयास किए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मंदिर में मूर्ति तोड़ने का मकसद हिंदू और मुस्लिम दंगा कराना हो सकता है जबकि हिंदू समाज इस कृत्य से खुद को अपमानित महसूस कर रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी ने माहौल खराब करने के लिए जानबूझकर ऐसी वारदात को अंजाम दिया है। इस घटना में शामिल आरोपियों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने लोगों से भी कुछ समय मांगकर उनसे शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस पुजारी से भी पूछताछ कर रही है। मंदिर बंद होने के बाद कहां-कहां से प्रवेश हो सकता है,
उसका भी पता किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि स्थानीय हिंदू समाज के लोग इस घटना के बाद से बेहद डरे हुए हैं। उन लोगों का कहना है कि स्थानीय थाना पुलिस को आरोपियों के बारे में पता है लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
हैरानी की बात तो यह है कि पाकिस्तान तथा बांग्लादेश सरीखे देशों में जहां पर हिंदू आबादी काफी कम है वहां पर इस तरह की घटनाएं होने पर भारत में रहने वाले हिंदू जनमानस के लोग इसके खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं लेकिन राजधानी दिल्ली में इस तरह की वारदात लगातार होने पर हिंदू समाज खुद को शर्मिंदा महसूस करने लगे हैं।
इससे पहले हौज काजी इलाके में कुछ मुस्लिम युवकों ने एक मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ कर दी थी जिससे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया था हालांकि उस समय के तत्कालीन एसएचओ सुनील कुमार ने दोनों समुदाय के बीच शांति सद्भाव का संदेश देकर हालात को काबू कर लिया था लेकिन बेगमपुर की घटना ने दिल्ली पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है।
सनद रहे कि हौज काजी के लालकुआं स्थित दुर्गा मंदिर के पास पार्किंग को लेकर दो समुदाय के युवकों में पिछले साल 30 जून को झगड़ा हुआ था। झगड़े में शामिल मुस्लिम समुदाय के युवक ने फोन कर अपने दोस्तों को बुला लिया और उसके बाद इन लोगों के बीच दोबारा मारपीट हुई। धीरे-धीरे दंगा की नियत से अफवाह फैला दी गई,
जिसके बाद हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी । कुछ ही देर में देखते-देखते मुस्लिम समाज के लोगों ने वहां के दुर्गा मंदिर में पहुंचकर अचानक तोड़फोड़ कर दी थी लेकिन पुलिस ने बाद में कई आरोपियों को धर दबोचा था। बाद में भारी पुलिस बल की मौजूदगी के साथ दुर्गा मंदिर में मूर्तियों की दोबारा से प्राण प्रतिष्ठा भी की गई लेकिन दोबारा इस तरह की घटना से हिंदू जनमानस काफी अपमानित महसूस कर रहा है।
This is what you will get when Arvind Kejriwal and his AAP govt is elected .