तुष्टीकरण को बढ़ा रहा है , हिंदू – हित को घटा रहा है ;
कैसा है ये देश का नेता ? राष्ट्र के हित को मिटा रहा है ।
क्या ये सत्ता का लालच है ? ऐसा तो नहीं लगता है ;
क्या कुछ ऐसी कमजोरी है ? ब्लैकमेल होता दिखता है ।
अल्पसंख्यकवाद बढ़ाता जाता,बहुसंख्यक को दूर कर रहा;
सीधा-सीधा आत्मघात है , राष्ट्र – विरोधी कार्य कर रहा ।
पाकिस्तान बनाने वाले , नेता के ऊपर हावी हैं ;
समय बहुत कम नेता बदलो , वरना विनाश ही भावी है ।
दुनिया भर के मजहब वाले , अपने मजहब पर मरते हैं ;
पर भारत के हिंदू – नेता , अपना धर्म तोड़ते हैं ।
तोड़ रहे हैं हिंदू – मंदिर , गलियारा बनवाते हैं ;
राष्ट्र तोड़ने वालों पर ही , राष्ट्र का धन लुटवाते हैं ।
स्टॉकहोम – सिंड्रोम से पीड़ित , मन से अभी गुलाम हैं ;
जेहादी के तलवे चाटें , उनके ही गुलफाम हैं ।
इसीलिये इतिहास बिगाड़ा , झूठा – इतिहास पढ़ाते हैं ;
हिंदू – शौर्य कभी न जागे , ऐसे जतन कराते हैं ।
हिंदू को धर्म से दूर कर रहे , मंदिर को कब्जाते हैं ;
हिंदू – मंदिर को लूट – लूट , जजिया में ये लुटवाते हैं ।
हिंदू फौरन खतरा भांपे , मिटने से पहले जग जायें ;
करो – मरो की स्थिति है अब , देश को हिंदू-राष्ट्र बनायें ।
फौरन अपना नेता बदलो , परम – साहसी नेतृत्व बनाओ ;
राष्ट्रधर्म सर्वोपरि जिसका , यूपी या आसाम से लाओ ।
सच्चे – इतिहास को हिंदू जाने , सोशल मीडिया अपनाओ ;
अपने भीतर शौर्य जगाकर , खोया वैभव वापस पाओ ।
शौर्य का कोई विकल्प नहीं है , ये हिंदू – संकल्प हो ;
हिंदू – राष्ट्र बनाना हमको , सबका ही संकल्प हो ।
हिंदू – राष्ट्र बनाकर हमको , धर्म का शासन लाना है ;
धर्म – मार्ग पर चलकर हमको , सारा अन्याय मिटाना है।
सारे एक बराबर होंगे , सबका ही संरक्षण होगा ;
गंदी- राजनीति ने बांटा , खत्म सभी आरक्षण होगा ।
तुष्टीकरण बढ़ाने वाले , सारे नेता गद्दार हैं ;
आरक्षण की बात कर रहे , हिंदू – नेता मक्कार हैं ।
गद्दारों वा मक्कारों को , करनी का फल देना है ;
सबको अवसर एक बराबर , ऐसा राष्ट्र बनाना है ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”