ईश्वर अल्लाह एक नहीं हैं , दोनों एकदम भिन्न हैं ;
महाधूर्त, पापी था गांधी , उस पर मक्खी भिन-भिन है ।
राज्य की नींव खोखली हो गयी , भ्रष्टाचार की नींव है ;
गांधी – नेहरू ने नींव रखी थी , गद्दारी की नींव है ।
महाधूर्त पाखंडी दोनों , पुतले वासना के ;
हिंदू – धर्म के दोनों दुश्मन , पिट्ठू अंग्रेजों के ।
गांधी कामी – जिम्मी था , नेहरू वामी – इस्लामी ;
पर नारियों के मोहपाश में , फंसे थे दोनों कामी ।
चरित्रभ्रष्ट जब नेता होता , पूरा देश भ्रष्ट हो जाता ;
इन दोनों का चेला हरदम , इसीलिये रोता रहता ।
खुद भी रोता देश रुलाता , सत्यानाश कराता है ;
वामी , कामी , जिम्मी , सेक्युलर ; गुंडागर्दी बढ़वाता है ।
धर्म – सनातन नहीं जानता , बस पाखंड बढ़ाता है ;
नौटंकी करने में माहिर , तुष्टीकरण बढाता है ।
आरक्षण को बढ़ा-बढ़ा कर , जाति द्वेष कितना बढ़वाया ?
राष्ट्र को तोड़ा जगह-जगह से, रोड जाम कितना करवाया?
राज्य की महती जिम्मेदारी , कानून- व्यवस्था ध्वस्त है ;
गुंडे ,अपराधी, चोर, उचक्के , जेहादी सब मस्त हैं ।
देश का मूल निवासी हिंदू , उसको दोयम दर्जा है ;
आक्रांता , बर्बर, हत्यारे, उनको अव्वल दर्जा है ।
चारों ओर सुरक्षा घेरा , पर हिन्दू – नेता डरता है ;
सख्त – एक्शन कभी न लेता , कितना हिंदू मरता है ?
दंगा करने की खुली छूट है , लूटमार करने की ;
भले लोग दंगों में मरते , पुलिस तो बस पिटने की ।
जब तक भ्रष्टाचार रहेगा , तब तक अत्याचार बढ़ेगा ;
धर्मनिरपेक्ष जब सत्ता होगी , पूरा भ्रष्टाचार रहेगा ।
भ्रष्टाचार हटाना है तो , धर्म – सनातन ले आओ ;
सारा अत्याचार मिटेगा , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाओ ।
विश्व में केवल एक धर्म है , राष्ट्र-धर्म हो धर्म-सनातन ;
गंदी राजनीति को त्यागो , राष्ट्रनीति है धर्म-सनातन ।
तथाकथित हिंदूवादी दल , फौरन राष्ट्र- नीति अपनायें ;
स्वार्थ ,लोभ ,भय ,भ्रष्टाचार को; पूरा -पूरा जड़ से मिटायें ।
ये दल ऐसा नहीं करे तो , हिंदू एक नई राह बनायें ;
“एकजुट-जम्मू””एकजुट-हिंदू””एकजुट-भारत” को ले आयें
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”