रामेश्वर मिश्र पंकज। आज तक कभी किसी भी प्रबुद्ध हिंदू ने मुस्लिम उत्पीड़न की या इस्लाम के विनाश की या मुसलमानों के साथ अन्याय की एक भी मांग नहीं की है। एक हल्की भी मांग नहीं की है ।। हिंदू केवल अपने साथ अन्याय समाप्त करने की मांग करते हैं ।
75 वर्षों से भारत वर्ष में केवल हिंदुओं के साथ धार्मिक अन्याय हुआ है । केवल हिंदुओं के साथ धार्मिक अन्याय हुआ है । केवल हिंदुओं के साथ धार्मिक अन्याय हुआ है ।
हिंदू अपने साथ धार्मिक न्याय की मांग करते हैं । जो लोग हिन्दुओं द्वारा धार्मिक न्याय की मांग करते ही यह प्रश्न उठाते हैं कि तो क्या मुसलमानों को मार डालेंगे/ भगा देंगे ? वह मुसलमानों पर खुलेआम लांछन लगा रहे हैं कि मुसलमान तो हिंदुओं पर अन्याय ही करेगा। मुसलमान रहेगा तो हिंदुओं पर अन्याय ही करेगा।
परंतु इसका कोई प्रमाण नहीं है।
एक से एक धर्म निष्ठ हिंदू शासक हुए हैं जिन्होंने हिंदू धर्म के अनुसार शासन किया है और नास्तिकों पाखंडी जन तथा मुसलमानों को भी अपने राज्य में रहने दिया है।
हम केवल किसी भी मजहब के नाम पर हिंदुओं के विरुद्ध अन्याय करने का विरोध करते हैं । और जो लोग इसमें से यह सवाल उठाते हैं कि क्या मुसलमानों को मार डालेंगे? वस्तुत: वे मुसलमानों की बहुत ही खतरनाक, बहुत ही झूठी और बहुत ही भद्दी छवि रच रहे हैं। मुसलमान के रहने से हिंदू को खतरा क्यों होना चाहिए? मुसलमान के रहने का अर्थ हिंदुओं के साथ अन्याय क्यों होना चाहिए ?
यह कहना कि मुसलमान रहेगा तो हिंदुओं के साथ अन्याय होगा ही और अगर आप हिंदू धर्म के साथ हिंदू समाज के साथ अन्याय का विरोध करते हैं तो आप मुसलमानों को मार डालने की बात करें ,यह तर्क देना हिंदुओं के साथ तो घोर अन्याय है ही, मुसलमानों के ऊपर भी लांछन लगाना है। इसलिए ऐसे प्रश्न और ऐसी बातें सब प्रकार से निंदनीय है।