ब्रजेश सिंह सेंगर :-
हाथ बांध रखे सेना के , सेना को मरवाता है ;
अब्बासी-हिंदू भारत का नेता , ये साजिश रचवाता है ।
सबसे बड़ा देश का दुश्मन , भारत का अब्बासी-हिंदू ;
हिंदू ! अपना नेता मानें , जबकि नहीं कहीं से हिंदू ।
भ्रष्टाचार बढ़ाया इतना , कोई नहीं सुरक्षित है ;
सेना इतनी कमजोर करा दी , खुद की रक्षा से वंचित है ।
आसानी से हमले होते , भारत के अंदर सेना पर ;
मोहताज हुई अपनी रक्षा को,पर नहीं किसी को इसकी फ़िकर
अब्बासी-हिंदू यही चाहता , मिट जाये भारत की सेना ;
फिर उसका मैदान साफ है , सब कुछ अब्राहमिकों को देना ।
गांधी का जितना काम बचा था , ये पूरा करवा देगा ;
उसने पाकिस्तान बनाया , ये भारत मिटवा देगा ।
छतें गिरेंगीं , पुल टूटेंगे , सड़कों में गड्ढे होंगे ;
हिंदू ! तेरे गले कटेंगे , जगह – जगह हमले होंगे ।
पढ़ा लिखा तक महामूर्ख है , अज्ञानी हिंदू की क्या कहिये ?
सदियों छुरा पीठ पर खाया , अब गला काटने वाला चहिये ।
क्यों मरने की पड़ी है जल्दी ? जहर हलाहल पीते हो ;
जहरबुझा अब्बासी – हिंदू , फिर भी उसे जिताते हो ।
ज्यादातर हिंदू जाग रहे हैं , अब्बासी-हिंदू को पहचान रहे हैं ;
पर जितने कायर,कमजोर,नपुंसक , वे ही खेल बिगाड़ रहे हैं ।
पता नहीं ये कब सुधरेंगे ? कब धर्म-मार्ग पर आयेंगे ?
केवल धर्म-मार्ग पर चलकर ही , अब हिंदू बच पायेंगे ।
अपनी चिता सजाना छोड़ो , दुश्मन की कब्र खोदना है ;
हजार-बरस से तरस रहे हो , सच्ची-आजादी पाना है ।
धार्मिक-शिक्षा की आजादी , सच्चे-इतिहास को पढ़ना है ;
शेर के बच्चे खुद को भूले , अब खुद को पहचानना है ।
इसमें सबसे बड़ी है बाधा , अब्बासी-हिंदू देश का नेता ;
पर अब लगता जल्दी निपटेगा ,क्योंकि ईश्वर से पंगा लेता ।
हिरण्यकश्यप बन चुका है पूरा , सारे-मंदिर तोड़ना चाहे ;
राम-मंदिर तक भ्रष्ट कर दिया , गजवायेहिंद कराना चाहे ।
जागरूकता ही अब केवल , हिंदू-धर्म बचा सकती है ;
अब्बासी हिंदू को मिटा सकती है,अच्छी सरकार बना सकती है
एकमात्र हिंदूवादी दल , “एकम् सनातन भारत” दल है ;
सारे हिंदू ! इसको अपनाओ , हर-निर्बल का ये ही बल है ।
“रामराज्य” पाना है इसको , ये इसका है दृढ़ संकल्प ;
इधर-उधर अब नहीं भटकना, हिंदू! तुझको मिल गया विकल्प।