कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को उनकी कट्टरता से भरे परिवेश की जबरदस्त याद दिलाई, जिसमें अलीगढ़ मुसलिम विवि का नाम भी शामिल था। हामिद अंसारी पूर्व में अलीगढ़ मुसलिम विवि के उपकुलपति रह चुके हैं। आजादी से पहले भारत के विभाजनकारी शक्तियों का मुख्य अड्डा अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी ही था। यहीं से मुसलिम लीग के अधिकांश मुसलमान निकले थे। भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में अलीगढ़ मुसलिम विवि से आने वाले शायद ही किसी मुसलमान ने हिस्सा लिया हो! आज कश्मीर को नरक बनाने वाले फारुख अब्दुल्ला के पिता और उमर अब्दुल्ला के दादा शेख अब्दुल्ला भी यहीं से निकले थे। शेख अब्दुल्ला का पूरा काला इतिहास अलीगढ़ विवि की अगली कड़ी में बताएंगे।
आइए जानते हैं, अलीगढ़ मुसलिम विवि और सर सैयद अहमद खां की उस गद्दारी के बारे में, जिसने पहले भी भारत का विभाजन किया और आज भी हामिद अंसारी जैसे लोगों को प्रोड्यूस कर देश को बांटने के प्रयास में जुटा हुआ है! यही कारण है कि मोदी सरकार इस विवि के अल्पसंख्यक के दर्जे को समाप्त करना चाहती है। इसका इतिहास बेहद भयानक है! आइए अलीगढ़ मुसलिम विवि के इतिहास को जानने की शुरुआत आज से क्रमवार तरीके से करते हैं-1