मदर टेरेसा को लेकर एक ऐसा खुलासा हुआ है जिससे साबित होता है कि वह संत के वेश में लुटेरों से न केवल पैसे लेती थी बल्कि अन्याय का साथ देती थी। यह खुलासा क्रिस्टोफर हर्चेन्स द्वारा लिखी किताब ‘द मिशनरीज पोजिशन: मदर टेरेसा इन थ्योरी एंड प्रैक्टिस में हुआ’ है। किताब में लिखा है कि चार्ल्स कीटिंग ने उन्हें 252 लाख डॉलर दिए थे। इसके बदले में उन्होंनें एक जज को जीसस का वास्ता देकर कीटिंग को छोड़ने के लिए चिट्ठी लिखी थी। चार्ल्स कीटिंग वहीं शख्स है जिसने लाखों अमेरिकी नागरिकों की खून पसीने की कमाई लूटकर हजारों करोड़ रुपये हड़प लिया था। उन गरीबों के पैसे पर खर्चीली जिंदगी जीने के शौकीन कीटिंग इस प्रकार लोगों के लुटे पैसे मदर टेरेसा को दिया करता था, और वह सहर्ष स्वीकार करती थी। इस मामले में पॉल डब्लू टर्ली द्वारा लिखे पत्र का मदर टेरेसा ने अपनी जीते-जी कभी उत्तर नहीं दिया था।
मुख्य बिंदु
* क्रिस्टोफर हर्चेन्स ने अपनी किताब “द मिशनरीज पोजिसन: मदर टेरेसा इन थ्योरी एंड प्रैक्टिस” में किया खुलासा
* चार्ल्स कीटिंग ने लोगों से पैसे लूटकर 252 लाख डॉलर मदर टेरेसा को दिया था
* मदर टेरेसा ने जज को जीसस का वास्ता देकर कीटिंग को छोड़ने के लिए चिट्ठी लिखी थी
चार्ल्स कीटिंग ने छोटे निवेश के नाम पर अमेरिका के लाखों लोगों से हजारों करोड़ रुपये जमा करा लिए और बाद में उसे धोखा दे दिया। वह अपनी इस लूट की कमाई को या तो अपनी फिजुलखर्ची जीवनशैली पर खर्च करता था या फिर नन- कैथोलिकों के खिलाफ होने वाले किसी अभियान पर कर्च करता था। इसी सिलसिले में कीटिंग ने 252 लाख डॉलर मदर टेरेसा को क्रिश्चियनिटी के विस्तार के लिए था। मदर टेरेसा ने उसकी गलत कमाई को स्वीकार भी कर लिया था। जबकि वह जानती थी कि इसके लिए कीटिंस को सजा भी हो सकती था। किताब में लिखा है कि मदर टेरेसा कीटिंग से इतना प्यार करती थी कि वह किसी भी सूरत में अपनी काली करतूत के लिए कीटिंग को जेल में नहीं देख सकती थी। तभी तो उन्होंने इस मामले में कीटिंग के बारे में सही निर्णय करने के लिए मदर टेरेसा ने उस जज को चिट्ठी भी लिखी थी।
मदर टेरेसा ने जज टो को भेजे अपने पत्र में लिखा था कि मैं क्लीटिंग के व्यवसाय से लेकर उनकी राजनीति तक के बारे में कुछ नहीं जानती लेकिन बस मैं इतना जानती हूं कि वे एक नेक इंसान है ऐसे में उन्हें जेल नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अपनी चिट्टी के माध्यम से जज टो को लिखा था कीटिंग के बारे में जीसस के धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर ही फैसला करना चाहिए।
लेकिन कोर्ट के डिप्युटी एटॉर्नी पॉल डब्ल्यू टर्ली ने मदर देरेसा को करारा जवाब भी दिया और कुछ सवाल भी पूछे। टर्ली के प्रश्नों का मदर टेरेसा ने कभी जवाब नहीं दिया। उन्होंने मदर टेरेसा को जवाब देते हुए लिखा कि अगर स्वयं यीशु का सामना कीटिंग जैसे व्यक्ति से हुआ होता तो वे उनके दिए पैसे लौटाने में देर नहीं लगाते जो पैसे कीटिंग ने उन्हें (टेरेसा) देते रहे हैं। टर्ली ने मदर टेरेसा को लिखी चिट्ठी में कीटिंग की हर करतूत का विस्तार से ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उसका अपराध अक्षम्य है और उसके दिए पैसे लोककल्याण में नहीं लगाए जा सकते थे। लेकिन मदर टेरेसा ने अपने जीते जी कभी टर्ली के पत्र का जवाब नहीं दिया। इससे साफ है कि मदर टेरेसा का कीटिंग से पैसा लेना एक तरह से अपराध को समर्थन करना था।
मदर टेरेसा का दुनिया की सबसे पुरानी खुफिया एंजेसी के तत्कालीन प्रमुख और दुनिया के सबसे अमीर संगठन के कर्ता-धर्ता से मिलती रही है। इस संस्था को कर से छूट मिला हुआ है। मदर देरेसा का इस प्रकार के लोगों के साथ मिलना जुलना एक अलग कहानी बयां करती है। इससे साफ है कि वह भारत में कोई समाज या मानव सेवा नहीं करती थी बल्कि एक प्रकार से अपना व्यवसाय करती थी। क्रिश्चियनिटी का विस्तार करना उनका एक व्यवसाय था जिसके लिए उन्हें ईसाई समुदाय के अमील लोगों से लेकर संगठन तक से पैसे मिलते थे। अगर वह मानव सेवा करती रहती तो रांची के साथ झारखंड के अन्य जिलों में उनके द्वारा स्थापित संस्था में बच्चों की खरीद बिक्री का मामला बाहर नहीं आया होता।
URL: hitchens on mother teresa she wasnt a saintly person
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