अर्चना कुमारी। पुलिस कर्मियों के बारे में प्रचलित है कि वह रिश्वत कमाने तथा दूसरे का माल दबाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। लेकिन दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने मिसाल पेश करते हुए एक मजदूर को उसका छूटा हुआ बैग सौंपा जिसमें ₹100000 रखे हुए थे। उसकी इमानदारी को देखकर मंगलवार को अपने कार्यालय में पुलिस आयुक्त ने सिपाही को बीस हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र सौंपा।
इस अवसर पर पुलिस आयुक्त ने सिपाही के कार्य की प्रशंसा की। पुलिस ने बताया कि शकूरबस्ती इलाके रहने वाला विजय कुमार मजदूरी करता है। 30 जून को वह खुर्जा यूपी स्थित अपने गांव जाने के लिए शिवाजी ब्रिज स्टेशन पहुंचा। जहां से वह अफरा तफरी में ट्रेन पर सवार हो गया। इस दौरान उसका एक बैग स्टेशन पर छूट गया।
इस दौरान प्लेटफार्म पर गश्त करने के दौरान सिपाही नरेंद्र ने बैग को देखा और उसे कब्जे में कर लिया। जांच करने पर बैग में एक लाख रुपये, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर मिला। इसके बाद सिपाही ने मोबाइल नंबर के जरिए विजय से संपर्क किया और बताया कि उसका बैग पुलिस के कब्जे में है और वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन थाना आकर उसे ले जा सकता है।
उधर, विजय काफी निराश था लेकिन सूचना पाकर फूला नहीं समाया और कुछ देर पाद विजय नई दिल्ली रेलवे स्टेशन थाना पहुंचा। जहां सत्यापन कर पुलिस ने उसे बैग सौंप दिया। विजय ने रेलवे पुलिस को बताया कि खुर्जा में उसका मकान का छत क्षतिग्रस्त है और बारिश में टपकता है। जिसकी मरम्मत के लिए उसने मजदूरी कर एक लाख रुपये जमा किया था और वह रुपये लेकर घर की मरम्मत के लिए गांव जा रहा था।
बैग मिलने के बाद उसने सिपाही नरेंद्र का धन्यवाद कहा। इस बात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस आयुक्त बालाजी श्रीवास्तव ने ट्वीट कर सिपाही के काम की तारीफ की और मंगलवार को उन्होंने सिपाही को सम्मानित किया। इस सिपाही के खूब चर्चे हैं क्योंकि प्रत्येक पुलिस वाला ऐसा नहीं होता।
भावुक होते हुए विजय ने बताया कि वह पेशे से मजदूर है तथा गाव मे अपने पैतृक मकान की मरम्मत के लिए उसने पैसा जमा किये थे। उसने उसी दिन बैंक से वह पैसे निकाले थे। ट्रेन में अनाज की २ बोरी रखते समय वह छोटा बैग भूल गया जिसमे पैसे व अन्य दस्तावेज थे।