
नक्सली हमला आखिर कब तक ?
Archana Kumari. एक बार फिर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए जबकि 31 जवान घायल हैं। इतना ही नहीं एक जवान लापता भी है।इस मुठभेड़ में घायल जवानों में से 18 जवानों का इलाज बीजापुर अस्पताल में और 13 जवानों का इलाज रायपुर के निजी अस्पताल में जारी है।
इस मुद्दे पर Sandeep Deo का Video
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नक्सली हमले पहले भी होते रहे हैं लेकिन देश के कुछ राज्यों में नक्सलियों का इतना दबदबा है कि कि वह राज्य सरकार के कानून को ताक पर रखकर आए दिन इस तरह की वारदातों को अंजाम देते रहते हैं। आप लोगों को पुलवामा घटना याद होगा जब आतंकियों ने विस्फोटक से जवानों से भरी ट्रक को उड़ा दी थी और इस मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की गई थी लेकिन इस बार छत्तीसगढ़ में जब यह हमला हुआ तो कांग्रेसियों के मुंह बंद है क्योंकि यहां पर उनकी सरकार है।
ताजा हमले को लेकर बस्तर आईजी पी सुंदरराज का कहना है कि इलाके में सर्चिंग अभियान जारी है जबकि रविवार दोपहर तक रेस्क्यू कर सभी शहीद जवानों के शव को बरामद कर लिया गया है। सिर्फ जवानों को ही टारगेट नहीं किया गया बल्कि उनके हथियार भी नक्सली लूट ले गए। लूटे गए हथियारों में 7- AK47, 2-SLR और 1 LMG शामिल है।
आईजी ने बताया कि लगातार लापता जवान की तलाश की जा रही है, लापता जवान कोबरा बटालियन का है और यह जवान जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार रात को ही नक्सलियों के पीएलजीएफ प्लाटून नंबर एक और चार एरिया कमेटी की मौजूदगी की सूचना सुरक्षा एजेंसियों को मिली थी । इसके बाद इस सूचना पर शनिवार को सुबह 10 बजे ऑपरेशन लॉन्च किया गया।
जवानों का सामना पीएलजीए प्लाटून नंबर एक के नक्सलियों के साथ हुआ और पुलिस और नक्सलियों के बीच लगभग 5 से 6 घंटे तक फायरिंग चली। जिसमें 22 जवान शहीद हुए हैं जबकि कई नक्सलियों के भी मारे जाने की सूचना है । बताया जाता है कि प्लाटून नंबर 1 नक्सलियों की सबसे बड़ी कंपनी है। जिसमें सभी नक्सली अत्याधुनिक हथियार से लैस होते हैं और ऐसे में जवानों ने बहादुरी के साथ उनका सामना किया।
आशंका है इस मुठभेड़ में 12 से अधिक नक्सली मारे गए हैं. जबकि 16 नक्सली घायल हुए। नक्सली 3 ट्रैक्टर में अपने साथियों के शव और घायल नक्सलियों को साथ ले गए और पुलिस ने सर्चिंग के दौरान एक महिला नक्सली का शव बरामद किया । बीजापुर नक्सल हमले का मास्टरमाइंड मोस्टवांटेड नक्सली हिडमा बताया जा रहा है और इस हार्डकोर नक्सली को नक्सली नेता रमन्ना से भी ज्यादा खतरनाक बताया जाता है।
सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो हिडमा को छत्तीसगढ़ के पूरे माओवादी बेल्ट में सुरक्षा बलों के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया है और इस नक्सली पर छतीसगढ़ पुलिस ने 50 लाख रुपये का इनाम रखा है।
हिडमा बस्तर का ही रहने वाला है और उसकी उम्र करीब 45 वर्ष बताई जाती है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह नक्सली बस्तर संभाग के टॉप नक्सली लीडरों में से एक है जबकि इससे पहले भी हिडमा के नेतृत्व में नक्सलियों ने कई बड़ी घटना को अंजाम दिया है. जिसमें कसालपाल मुठभेड़ ,मीनपा मुठभेड़, बीजापुर मुठभेड़ के साथ ही सुकमा और बीजापुर के अन्य बड़ी मुठभेड़ों और नक्सली घटनाओं में भी वह मास्टरमाइंड रहा है।
हार्डकोर हिडमा पर तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों ने इनाम घोषित कर रखा है जबकि तीनों ही राज्यों के लिए हिडमा सबसे बड़ा टारगेट है। इसलिए छत्तीसगढ़ में उसकी मौजूदगी होने की सूचना पर बस्तर पुलिस ने ऑपरेशन लॉन्च किया था लेकिन सभी नक्सल घटनाओं में हिड़मा फरार होने में कामयाब रहा है।
बीजापुर की घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय मीटिंग ली और उनका कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई और तेज होगी जबकि हम अंतिम परिणाम तक लड़ाई ले जाएंगे। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए कि नक्सलियों के खिलाफ “ऑपरेशन प्रहार” में किसी भी तरीके की कमी नहीं आएगी और नक्सलियों की मांद में घुसकर उनके खिलाफ ऑपरेशन किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वे शहीदों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि भूपेश सरकार को इस शहादत से अलर्ट हो जाना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि बघेल सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है कथा नक्सलियों के खिलाफ ठोस रणनीति तैयार नहीं की जा रही ।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि बीजापुर और सुकमा के बॉर्डर पर तरतेम के पहाड़ी इलाकों में PLGA-1 माओवादियों सेे लड़ने के लिए मौके पर DRG, एसटीएफ, कोबरा एवं सीआरपीएफ की संयुक्त नक्सल विरोधी टीम भेजी गई थी जबकि नक्सलियों के उनके कोर एरिया में घेरने और खदेड़ने के लिए थाना तारतेम से भेजे गए संयुक्त बल के अतिरिक्त उसूल पामीर मिनर्वा और नरसापुर बेस कैंपों से भी कोर एरिया के अलग-अलग टारगेट बाबत सुरक्षाबलों को रवाना किया गया था।
केंद्र को भेजी रिपोर्ट मेंं कहा गया की 3 अप्रैल के दोपहर 12:00 बजे से जोनागुंडम और टिकलागुंडम के बीच जंगल में संयुक्त बल और PLGA बटालियन नंबर-1 के बीच मुठभेड़ हुई और इस मुठभेड़ के दौरान DRG के 8, एसटीएफ के 6, कोबरा के 7 और बस्तरिया बटालियन के 1 जवान शहीद हो गए । मुठभेड़ के पश्चात एक महिला माओवादी कमांडर का शव इंसास राइफल के साथ बरामद किया गया है और उसकी शिनाख्त पामेड एलजीएस कमांडर मांडवी वनोजा के रूप में हुई ।
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