अर्चना कुमारी। खट्टर सरकार को चाहिए कि वह जलाभिषेक यात्रा के दौरान उन हिंदू महिलाओं को सामने लाए ,जिनके साथ आशंका है छेड़खानी तथा बलात्कार किया गया । बताया जाता है कि कई महिलाओं को तो गायब कर दिया गया है और उनके परिजन तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है। लेकिन एक आहत हिंदू भक्त महिला 31 जुलाई 2023 को जो हुआ उसकी एक भयानक कहानी सुनाती है।
उसका कहना था कि जब हम दर्शन के बाद अपने वाहन की तलाश में निकल रहे थे, तो हमें आसपास की पहाड़ियों से भारी गोलीबारी का सामना करना पड़ा, बम फेंके जा रहे थे और वाहनों में आग लगाई जा रही थी। इस दौरान मुस्लिम भीड़ ने हिंदू महिलाओं को गाड़ी से बाहर निकालना और उनकी साड़ियाँ उतारना शुरू कर दिया, उन्होंने युवा लड़कियों को पास के खेतों में खींच लिया।
मुझे नहीं पता कि उन्हें क्या हुआ क्योंकि हम सभी अपनी जान बचाने के लिए वापस मंदिर की ओर भागे। आशंका है कि लड़कियों के साथ खेत में रेप किया गया। एक और एक हिन्दू महिला ने बताया कि जब आसपास की झाड़ियों से गोलियाँ चलने लगीं तो बिजली विभाग द्वारा बिजली काट दी गई। वे (मुस्लिम) हिंदू महिलाओं की इज्जत लूटने (रेप) के लिए सूरज डूबने और रात होने का इंतजार कर रहे थे। ये हम ही जानते हैं कि कैसे हमने अपनी इज्जत बचाई।
घटना के बारे में बताते हुए हिंदू महिला कई बार रो पड़ी। उसने बताया हमने अपने भाइयों को मरते देखा। हम जानते हैं कि हमारे भाइयों को कैसे गोली मारी गई। हमारे पास उनके घावों को ढँकने के लिए पट्टियाँ भी नहीं थीं। इसलिए हमने उन पर अपनी चुन्नी और दुपट्टा बाँध दिया। हिंदू महिला ने सवालिया लहजे में आगे कहा, क्या हम मरने के लिए वहाँ गए थे? क्या हम वहाँ दर्शन नहीं कर सकते? ये लोग (मुस्लिम) अपना जुलूस निकालते हैं। क्या हम में से किसी को उन पर आपत्ति है? हमारे पास पीने का पानी तक नहीं था। हमने शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले जल से अपनी प्यास बुझाई।
महिला ने कहा , उस दौरान बिजली काट दी गई थी। हम क्या कर सकते थे? वे हिंसा के लिए हम पर आरोप लगा रहे हैं। यदि हम ऐसा करना चाहते तो क्या हम अपने बच्चों को साथ लाते? क्या हम मरने के लिए अपनी माताओं और बुजुर्गों को अपने साथ वहाँ लाएँगे? क्या महिलाओं और बच्चों का हमारे लिए कोई मूल्य नहीं है?जीवित बचने के सवाल पर महिला ने बताया, उस समय तक वहाँ कोई पुलिस नहीं थी। बाद में प्रशासन के पहुँचने के पर हम वहाँ से किसी तरह बच के निकले। हमें अपनी जान बचाने के लिए गाड़ियों के नीचे और खेतों के बीच से रेंगकर निकलना पड़ा।
हमें जानवरों की तरह सरकारी बसों में ठूँस दिया गया था।उन्होंने कहा , “हमारे जले हुए गाड़ियों के धुएँ से आसमान काला हो गया था। इतना काला कि मौसम ख़राब होने पर भी आसमान में इतना अंधेरा नहीं होता। बताया जाता है कि यात्रा के दौरान मुस्लिमों ने महिलाओं को टारगेट किया तथा भीड़ ने नूंह की एक एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की गाड़ी पर हमला कर उसमें आग लगा दी थी हालांकि इस हमले में जज और उनकी तीन साल की बेटी बाल-बाल बच गईं।
लेकिन अन्य हिंदू महिलाएं इतना खुशनसीब नहीं हुई जो यात्रा में शरीक हुई थी उन्हें वहां पर जेहादी, अल्लाह हु अकबर के साथ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सामूहिक नरसंहार का प्लान बना रखा था। लेकिन अब अनेकों महिलाओं, बच्चियों के बलात्कार की आशंका जताई गई है। क्योंकि दावा किया गया है कि वहाँ पर छोटे-छोटे बच्चों के कपड़े फ़टे पड़े मिले हुए हैं। स्थानीय लोगों ने पूछा कि आखिर महिलाओं के कपड़े जबरदस्ती नहीं फाड़े गए, फिर ये फ़टे हुए कपड़े कैसे पड़े हुए हैं? कई महिलाओं के गायब होने की बात भी कही जा रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि महिलाओं को खेतों की तरफ घसीटा गया और उनके साथ बदसलूकी हुई। पवन नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने अंदेशा जताया कि महिलाओं के साथ गलत किया गया है, उनके कपड़े फाड़े गए हैं और कई महिलाएँ लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है। मंदिर से थोड़ी ही दूर पर सड़क के किनारे ये कपड़े पड़े हुए मिले हैं। इनमें लड़कियों के सूट के कपड़े भी हैं। वहीं कुछ कपड़े पेड़ पर लटके मिले। बच्चों के गायब होने की बात भी कही जा रही है।

जगदीश नामक एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि महिलाएँ अपने कपड़े उतार कर कहाँ जाएँगी, ज़रूर उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ होगा। बच्चों के कपड़े भी पड़े हुए हैं। ये एक दिन की यात्रा थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये महिलाओं के वही कपड़े हैं, जो वो पहन कर आई थीं। स्थानीय लोगों ने कहा कि महिलाओं के साथ बहुत गलत हुआ।
कई परिवार अपने महिलाओं-बच्चों को खोज रहे हैं। इन कपड़ों को लेकर स्थानीय लोग तरह-तरह की शंकाएँ जता रहे हैं, क्योंकि ये वही कपड़े हैं जिन्हें पहन कर महिलाएँ मंदिरों में जाती हैं, पर्व-त्योहारों में पहनती रही हैं। स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कहा कि मुस्लिमों ने दंगे किए। एक बुजुर्ग ने बताया कि महिलाओं से सरासर बदतमीजी की गई है, कितनी ही महिलाओं को खींच कर ले जाया गया है।
बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है, उनका कहना है कि पुलिसकर्मियों को भी पीटा गया, ये सरकार और प्रशासन की विफलता है। इसका जवाब खट्टर प्रशासन को जरूर देना चाहिए और दंगाइयों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन इस तरह के आरोपों के मद्देनजर हरियाणा पुलिस की अतिरिक्त महानिदेशक ममता सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया पर महिलाओं से संबंधित छेड़खानी और बलात्कार की घटनाएं गलत है और इस तरह की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है।
उन्होंने बताया कि वह घंटों मौके पर मौजूद रहे थे तथा महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाला था‘। उनका कहना था कि इस तरह की झूठी और फर्जी खबरें फैलाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी