आपके जीवन में भी विभन्न पड़ावों पर आपको फैसले लेने पड़ते होंगे मगर आप या तो निर्णय लेने में चूक जाते हैं और समय निकल जाता है या फिर आप निर्णय ले तो लेते हैं मगर कुछ ही वक़्त बाद आपको लगता है कि आप ने गलत निर्णय लिया! ऐसे अनुभव अक्सर हमें जीवन में होते हैं। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो इस का उपाए ढूंढ़ने के लिए कुछ टिप्स है जिन पर चल कर आप अपने निर्णय की क्षमता को सटीक कर सकते हैं।
एक विश लिस्ट बनाइये –
विश लिस्ट वो लिस्ट है जो काम आप करना कहते हैं लेकिन ये कोरी इच्छाओं पर ही आधारित नहीं होनी चाहिए विश लिस्ट को प्रैक्टिकल होना बहुत ज़रूरी है ये जीवन की छोटी छोटी चीज़ों पर भी आधारित हो सकती हैं जैसे की आप फिट रहना चाहते हैं, या नयी किताबें पढ़ना चाहते हैं। अपने वर्तमान को ध्यान में रख कर ही अपनी विश लिस्ट बनाये और एक साथ बहुत सी इच्छाएं विश लिस्ट में न उढेल दें बल्कि 2-3 इच्छाएं ही लिखें।
अपने समय का मूल्यांकन खुद करें
अक्सर हम ये देखते हैं कि एक ही टाइम पर ऑफिस आने वाले दो लोग जो एक ही प्रोफाइल के हों उनका अपने काम के प्रति atitude अलग-अलग होता है। लाइफ में अक्सर हम ये गलती करते हैं की अपना मूल्यांकन दूसरों पर छोड़ देते हैं फिर वो चाहे घर पर हो या कार्यस्थल पर। इस कारण हम दूसरों के दवाब में अपनी क्षमता को आंकते रहते हैं और अपनी बेहतरी के लिए न तो समय निकालते हैं, न कोशिश करते हैं! और उस समय को जीवन को कोसने में गंवा देते हैं। अगर ऐसा न करके हम अपने समय को इन नकारात्मक बातों से चुराकर अपने विकास से जुड़ी बातों में लगाएं तो सहज रह कर सकारत्मकता से अपने प्रयास बढ़ा सकते हैं।
अपने लिए सीमा निर्धारित करें
अक्सर ये कहा जाता है कि अपने आप को सीमाओं में नहीं बांधना चाहिए क्यूंकि इंसान की सीमाएं अनन्त हैं। मगर, कुछ हांसिल करने के लिए सीमा में बंधना भी ज़रूरी है फिर बे-शक उसे खुद के द्वारा ही टाइम तो टाइम तोड़ा जाए क्यूंकि अपनी क्षमता के अनुरूप खुद सीमा बनाना और उस टारगेट को प्राप्त कर अगला लक्ष्य निर्धारित करना। इस का मतलब ये नहीं की आप अगर सिंगर बनना चाहते थे तो आप अब ये लक्ष्य बनाये जब की आप की वर्तमान नौकरी आपकी जीविका का साधन हो। ऐसे में आप अपना पैशन कैसे जीवित रख सकते हैं जो आप के वर्तमान जीवन में आप को ख़ुशी भी दें और अपनी वर्तमान नौकरी से प्यार भी।
छोटे लक्ष्य सेट करें और उन्हें 21 दिन दें –
किसी भी आदत को बदलने में लगभग 21 दिन का समय लगता है ऐसा विज्ञान की एक स्टडी कहती है। जैसे आप ने सोचा है की आप सोने से पहले कोई पसंदीदा किताब पढ़ेंगे और तब सोएंगे, तो ऐसा करने के लिए आपको अपने खाने के टाइम और लगातार चलने वाले टीवी सीरियल से कैसे समय बचाना यह सोचना होगा! एक महत्वपूर्ण बात अवश्य धयन में रखें लेट कर नहीं बैठ कर किताब पढ़े पहले दिन 5 मिनट और फिर धीरे धीरे समय बढ़ा दें ऐसा बिना नागा किये 21 दिन तक निर्धारित सीमा में ज़रूर करें शुरू में लक्ष्य के रास्तें में बाधा आएगी मगर अपने प्रयास पर फोकस करिये। समय कितना निकला इस पर नहीं।
खुद को शाबाशी दें –
कठिन समय, परिस्थतियों, सेहत के कारण अपने बनाये लक्ष्य ही पहाड़ जैसे लगते हैं। इस से न घबराएं बल्कि खुद को ये समझाएं कि ऐसा होना स्वाभाविक है हो सकता है दूसरे लोगों के जीवन में ठीक इसी वक़्त आपसे भी ज्यादा बुरा चल रहा होगा। ऐसे कई उद्धरण आप अपने आस पास की ज़िन्दगी में देख सकते हैं और फिर अपने बनाये लक्ष्य में जुटें उसे एक बार पूरा करने पर खुद को शाबाशी दें। ठीक वैसे जैसे बच्चों को देते हैं, इसकी संख्या बढ़ाते जाएं और फिर खुद को नया challenge दें और उसके पूरा होने पर भी खुद को इसका क्रेडिट ज़रूर दें।
भूत काल और भविष्य को किनारे कर वर्तमान का निरीक्षण करें –
बहुत बार सुनने पर भी हम वर्तमान में नहीं रह पाते जबकि यही वर्तमान भूत और भविष्य में तब्दील होता है इस बात को समझने में हमें इतना वक़्त लगता है उदाहरण के तौर पर आज जंक फ़ूड खाने से भविष्य में अपनी सेहत के लिए खतरों को बुलावा दें रहे हैं जो पूरी तरह बीमार रहने पर हमारा ही भूत काल हो जाएगा इसके लिए हमें आज की खुद को रोकना होगा और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करनी होगी।
इन सभी बिंदुओं के अलावा हमें किसी भी तब्दीली को धैर्य के साथ स्वीकार करना चाहिए। इसके लिए खुद को समय भी दें और खुद से अचानक किसी चमत्कार की उम्मीद न करें शांत मन से अपने लक्ष्य के लिए कार्य करें और एक के पूरा होने पर दूसरा जोड़े आपाधापी न करें!
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