अर्चना कुमारी। करोना को काबू करने में सरकारी बुरी तरह विफल साबित हुई है खासकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार तो दिल्ली वासियों को कोई मदद नहीं कर पा रही है ऐसे में दिल्ली पुलिस मानवता का उदाहरण पेश कर रही है ।
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण कोरोना मरीजों की मौतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही और इसके बीच कुछ ऐसी ऐसे रिश्ते भी सामने आ रहे हैं जो रिश्तो को शर्मसार कर रहे हैं। अपने ही अपनों से दूर होते जा रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि द्वारका सेक्टर 7 में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया ,जहां पर कोरोना से मौत होने पर महिला से उसके अपनों ने ही दूरी बना ली ना तो महिला का शव लेने आए और ना ही उनका अंतिम संस्कार या।
पुलिस के मुताबिक महिला की पहचान जय मथानी के रूप में हुआ है। जांच में पता चला कि वह अपने परिवार के साथ C4 निर्मल पुरी सनातन धर्म स्कूल लाजपत नगर में अपने पति नरेश और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहती थी।
कुछ दिन पहले वह मकान नंबर बी 604 सेक्टर 7 द्वारका प्लॉट नंबर 21 द्वारका अपार्टमेंट में अपने भाई से मिलने के लिए आई थी। इस दौरान वह कोरोना से संक्रमित हो गई और उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई, लेकिन उनकी मौत की खबर के बाद उनकी अपनों ने ही उनसे दूरी बना ली।
दिल्ली पुलिस में उनकी मौत की सूचना उनके परिजनों को भी दिया मगर वह शव लेने भी नहीं आए। यहां तक कि अंतिम संस्कार के लिए भी वह आना बेहतर नहीं समझा तब पुलिसकर्मियों ने द्वारका सेक्टर 24 स्थित श्मशान घाट में पूरे हिंदू रीति रिवाज से महिला का दाह संस्कार किया है गया।
इसी तरह द्वारका पुलिस ने लेफ्टिनेंट कर्नल सौमन मंडल के ससुर का भी अंतिम संस्कार करवाया। उनकी कोरोना की वजह से मौत हुई थी। लेफ्टिनेंट कर्नल इस समय लेह में तैनात है, उन्होंने दिल्ली आने में असमर्थता जाहिर करते हुए पुलिस से मदद मांगी थी।
यह पता चलने पर द्वारका नार्थ थाने की पुलिस ने बिश्वनाथ प्रामाणिक नामक व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार कराया। इसी तरह दिल्ली के सराय रोहिल्ला थाना इलाके में पुलिस को PCR कॉल मिली ” एक 85 साल की वृद्ध महिला का निधन हो गया है ।
मौके पर उसके पास उसका पौत्र है और महिलाएं हैं । मृत वृद्धा के अंतिम संस्कार के लिए मदद चाहिए” । कॉल मिलने के बाद पुलिस ने इस महिला का भी अंतिम संस्कार कराया