आज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के भ्रष्टाचार की कलई खुल रही है। 2013 में मैं वह पहला पत्रकार था जिसने अपनी पुस्तक ‘साजिश की कहानी, फिर ‘स्वामी रामदेव: एक योगी-एक योद्धा’ और ‘केजरीवाल: सच्चाई या साजिश’ पुस्तक में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और इनके पूरे गिरोह की सच्चाई सबके सामने रखी थी।
आज के कथित मुख्यधारा और यूट्यूब के पत्रकार तब इनका गुणगान करते नहीं थकते थे! मुझको पागल सब कहते थे….
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मैं तब भी समय से आगे था,
मैं आज भी समय से आगे हूं,
मैं तब भी निपट अकेला था,
मैं आज भी निपट अकेला हूं।
सब सीखा उस पत्रकारिता में,
जिसको पत्रकारों ने बेच दिया,
वो कल भी सत्ता के लिए लिखते थे,
वो आज भी सत्ता के पक्ष में बोलते हैं।
मैं अपना धर्म कैसे भूलूं,
मैं अपना कर्म कैसे भूलूं,
पृथ्वी से जब मैं जाऊंगा,
ऋषि ऋण चुका कर जाऊंगा।
सनातन धर्म ने यही सिखाया मुझे,
मत झुक किसी के सामने,
सच के लिए शीश कटा लेना,
सच के लिए सब दांव पर लगा देना,
सच से बड़ा कुछ और नहीं,
सच के आगे हैं गौण सभी।
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धर्म की हमेशा जय होती है, अतः धर्म पथ पर चलने वालों पर भगवान विष्णु हमेशा सहाय होते हैं। वंदे विष्णु