नितिन शुक्ला। संघ एक ऐसा नाम है जो अपने आप में ही कम्युनल है। आप कहीं भी चले जाइए किसी से भी बात कर लीजिए संघ का नाम लेते ही अगर सबसे पहले कोई फिगर समझ में आती है तो वह है कम्युनल एंगल! संघ का एक ही एजेंडा प्रतीत होता है और वह है कि दूसरे धर्म वालों को मारो पीटो उन्हें काट डालो संघ इस देश में अस्थिरता पैदा करना चाहता है। तथा हिंदू मुस्लिम सिख इसाई में में दंगे कराना ही इनका एकमात्र उद्देश्य नजर आता है। कई लोगों के लिए तो संघ दंगे का पर्यायवाची है! चाहे TV देख लीजिए या कोई अखबार उठा लीजिए हर जगह संघ के बारे में ऐसी ही बातें लिखी मिल जाएंगी, जब मैं संघ की एक इकाई में अभ्यास वर्ग के लिए गया तो पाया कि संघ तो सब को मूर्ख बना रहा है खासकर हिंदुओं को, जी हां बिलकुल सही पढ़ा आपने संघ हिंदुओं को साफ साफ मूर्ख बना रहा है। कैसे जानने के लिए आगे पढ़िए?
मैं संघ के प्रोग्राम में गया तो लगा यहां अच्छी खासी कट्टर बातें होंगी, हिन्दू धर्म सब पर थोपना है और मुसलमान इसाइयों को काट कर फेंक देना है। पर यह क्या संघ ने तो एक बार भी ऐसा कुछ कहा ही नहीं? बल्कि सुबह जब शारीरिक अभ्यास के लिए गए तो मुझे लगा कि यहां लठ चलाना तलवार चलाना और बंदूक चलाना सिखाया जाएगा और इसके बाद यह बताया जाएगा कि अब जब आप सीख गए हो तो दूसरे धर्म वालों को काट डालो! पर हाय रे मेरी फूटी किस्मत मैं तो गलत जगह आ गया! शारीरिक प्रशिक्षण देने के बाद प्रचारक महोदय ने कहा कि आपको समाज, देशवासियों और राष्ट्र की रक्षा करनी है। हाइला समाज! देशवासी और राष्ट्र! मने इसमें तो मुसलमान और ईसाई भी आ गए तो यह संघ हमें लाठी चलाना तलवार चलाना और बंदूक चलाना इसलिए सिखाता है कि हम मुसलमान और ईसाइयों की भी रक्षा करें। ई तो बड़ा गड़बड़ झाला है भाई! हे ऊपरवाले उठा ले मुझे! ये तो मेरे साथ धोखा हो गया। खैर मैंने जैसे-तैसे अपने जज्बातों पर काबू रखते हुए आगे का शिविर अटेंड करने का मन बनाया। बाद में सबकी क्लास लगी जिसे संघ की भाषा में सत्र कहा जाता है। सत्र अटेंड किया तो वहां पर एक बार भी मुसलमानों को गाली नही दी गई ना ही इसाइयों को, इसके विपरीत जितनी बार भी मुसलमान या ईसाई शब्द आया उसके आगे बाकायदा “भाई” लगा हुआ था। मुसलमान भाई इसाई भाई अरे साहब यहां तक तो ठीक है “हमारे” भी लगा कर बोलते हैं, हमारे मुसलमान भाई हमारे इसाई भाई, by god सच बोलूं तो मुझे तो 10-20 बार हार्टअटैक आते-आते बचा! अरे रुकिए साहब यह तो कुछ भी नहीं जरा आगे और पढ़िए पढ़ते-पढ़ते कहीं आपको हार्ट अटैक ना आ जाए….
आगे सत्र में बाकायदा यह कहा गया कि किसी भी धर्म की बुराई नहीं करनी है। सर्वधर्म समभाव व सर्वधर्म सम्मान करना है। by god अब तो ऐसा लग रहा था कि यार लगता है अपन गलत जगह आ गए। मन तो किया कि उठकर जाऊं और बाहर जाकर सबसे पहले बोर्ड देखूं की वाकई मैं संघ की किसी इकाई में ही आया हूं या गलती से किसी और जगह आ गया। मन तो यह भी हुआ कि डॉक्टर के पास दौड़कर जाऊं और अपनी आंखें और अपने कान चेक कराऊँ कि डॉक्टर साहब मुझे गलत सुनाई और गलत दिखाई दे रहा है। यार आप ही बताओ जिस संघ के बारे में बचपन से लेकर आज तक सिर्फ यही सुना कि वह कम्युनल है हिंदू-मुस्लिम में दंगे कराता है ज़बरदस्ती सब पर हिन्दू धर्म थोपना चाहता है सब को तलवार की नोक पर हिन्दू बनाना चाहता है उस संघ के प्रोग्राम में अगर ऐसी बातें अपने सामने होते देखूंगा तो और क्या करूँगा?
आगे चर्चा चली तो संघ में सबको साथ लेकर चलने की बात हुई यानी जिस “सबका साथ सबका विकास” को मैं आज तक मोदी जी का नारा समझता था यह तो संघ की ideology निकली! इतना ही नहीं पूरे 3 दिन के अभ्यास के दौरान एक बार भी किसी धर्म की या किसी धार्मिक ग्रंथ की किसी भी प्रकार की कोई भी बुराई नहीं की गई, मेरा तो ऐसा दम घुटा जा रहा था जैसे मानो किसी ने ऑक्सीजन ही छीन ली हो। वह तो भला हो कुछ कार्यकर्ताओं का जिन्होंने आखरी में जय श्रीराम के नारे लगा दिए वरना मैं तो वही मर ही जाता है। अरे भइया संघ में तो सिर्फ वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगते हैं।
भाइयों मेरे साथ धोखा हुआ है मुझे गलत बताया गया है मुझे बरगलाया गया है। यह संघ कोई हिंदू संगठन नहीं है कोई सांप्रदायिक संगठन नहीं है, भाई यह तो शत प्रतिशत शुद्ध राष्ट्रवादी संगठन है! यहां सिर्फ राष्ट्र निर्माण और समाज के निर्माण की बात होती है। इसके अलावा संघ में आपको कुछ नहीं मिलेगा तो यदि आप तलवार निकालकर दूसरे धर्म वालों को काटने निकले हैं तो आप यहां निराश ही होंगे। बल्कि संघ के साथ रहने पर उस तलवार को वापस म्यान में डाल लेंगे और देश को सुदृण बनाने के लिए काम करना शुरू कर देंगे। क्योंकि यहां शिक्षा ही ऐसी देते हैं कि आदमी सब कुछ भूल कर सिर्फ और सिर्फ राष्ट्र के प्रति समर्पित हो जाता है। राष्ट्र के लिए काम करना शुरू कर देता है।
आखिर में सिर्फ एक लाइन में एक ही चीज कहूंगा कि वह लोग बहुत ही मूर्ख है जो यह समझते हैं कि संघ किसी भी प्रकार से सांप्रदायिक संगठन है, जिन्हें ऐसा लगता है वह एक बार संघ का फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस जरूर लें, संघ सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रवादी संगठन है यह सिर्फ भारत के विकास और भारत की तरक्की के लिए काम कर रहा है इसके अलावा कुछ भी नहीं है बाकी सब भ्रांतियां हैं। समाज में कुरीतियों को खत्म करने और देश को प्रगति के पथ पर ले जाने में संघ जो काम कर रहा है उसका 1% भी शायद कोई भी सरकार भी पिछले 70 सालों में नहीं कर पाई है।
अब बात आती है कि आखिर संघ के बारे में इतनी भ्रांतियां क्यों फैलाई गई? इसका सीधा सा जवाब है कि यदि यह भ्रांतियां नहीं फैलाई गई होती तो मुसलमान और ईसाई भी संघ से जुड़ जाते और यदि ऐसा होता तो नेताओं की रोटियां कैसे सिकती? ये लोग 70 सालों तक इस देश की जनता को मूर्ख कैसे बनाते? ये लोग रिश्वत कैसे खाते? क्योंकि संघ में तो सिर्फ राष्ट्रवाद है गलत कामों के लिए यहां कोई जगह नहीं है। यहां तो आप गुटका और सिगरेट तक खा पी नहीं सकते, यह राष्ट्र निर्माण के साथ साथ संघ में जाने वालों का चरित्र निर्माण करने वाली संस्था है।
चाहें बाड़ आयी हो या कोई और प्राकृतिक आपदा हो संघ के स्वयंसेवकों को जान पर खेल कर दुसरो को बचाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, और बचाते समय धर्म नही पूछा जाता, अपने साथ साथ गली मोहल्ला साफ रखना सिखाया जाता है। एक दूसरे की मदद करना सिखाया जाता है । संघ को आतंकवादी संगठन कह कर बदबाम करने की साजिश करने वालों इस लेख को पढ़ने के बाद अगर आपको शर्म आ रही है तो चुल्लू भर पानी मे डूब कर आत्महत्या करने की ज़रूरत नही है, क्षमा मांग कर संघ की शरण मे आ जाइये! संघ और संघियों का दिल समुद्र की तरह विशाल होता है मुझे पूरी आशा है आपको माफ कर के गले लगाया जाएगा।
अब जरा मेरे साथ ज़ोर से नारा लगाइये, भारत माता की जय! वंदे मातरम!
अब तक आपने संघ की बहुत बढ़ाई सुन ली होगा। अब कल संघ के प्रचारकों पर चोट की जाएगी! संघ के प्रचारकों का पर्दाफाश किया जाएगा, बंद कमरे में क्या करते हैं संघ प्रचारक ये बताया जाएगा? इसके बाद हो सकता है मुझे संघ बैन कर दे या मेरे ऊपर केस कर दे, पर मुझे चिंता नही है क्योंकि सच सबके सामने आना ही चाहिए, तो पढ़ने को तैयार रहिये…क्रमशः!!
साभार: नितिन शुक्ला जी के फेसबुक वाल से