इस आग से यदि हिंदू को बचना
धर्मांतरण ये घोर पाप है , पापी मजहब वाले करते ;
ये अपराधी गिरोह बनाकर , सारे अपराध किया करते ।
दुनिया में सबसे घृणित कौम है , भारत के अब्बासी-हिंदू ;
अपने ही धर्म के ये दुश्मन हैं , कोई भी लक्षण नहीं है हिंदू ।
सबसे बड़ा ये धर्म का द्रोही , देश का द्रोही ये नेता है ;
लफ्फाजी का विश्वचैम्पियन , जुमलेबाज अभिनेता है ।
ये धोखा देने में माहिर , हिंदू माहिर धोखा खाने में ;
धर्महीन अज्ञानी हिंदू , विशेषज्ञ हैं मर जाने में ।
पचास करोड़ से अधिक मर चुके , पिछले हजार सालों में ;
फिर भी बुद्धि नहीं आयी है , पिट रहे हैं अपने पालों में ।
इनके पाले में दुश्मन घुसकर , इनका सब कुछ लूट रहा है ;
पर अब्बासी-हिंदू नेता के कारण, खुद-ब-खुद ये टूट रहा है ।
अगड़ा-पिछड़ा व जातिवाद में, हिंदू ! कितना टूट चुका है ?
अब्बासी-हिंदू नेता की साजिश,हिंदू को कितना लूट चुका है ?
अंतिम उद्देश्य यही है इसका , हिंदू – धर्म मिटाना है ;
भारत में गजवायेहिंद कराकर , भारतवर्ष मिटाना है ।
अभी भी हिंदू ! न संभला तो , बहुत शीघ्र मिट जाना है ;
जागो हिंदू ! अब तो जागो , भारतवर्ष बचाना है ।
पहले हिंदू – धर्म बचाओ , तब ही भारत बच पाना है ;
सबसे पहले काम ये करो , अच्छी – सरकार बनाना है ।
सरकारें जिम्मी भारत की , मजहब का जिम्मा उठा रही हैं ;
धर्म से कुछ भी नहीं है मतलब , हिंदू-शिक्षा को हटा रही हैं ।
लूटो खाओ मौज मनाओ , ये ही इनका सिद्धांत है ;
केवल हिंदू ! पर टैक्स-डकैती, करना उनका प्राणान्त है ।
महामूर्ख ये सब के सब हैं , पांव कुल्हाड़ी मार रहे हैं ;
जिस डाली पर ये बैठे हैं , उसको ही ये काट रहे हैं ।
महामूर्ख ये नहीं जानते , इन सबका सर्वनाश होगा ;
तड़प – तड़प कर मरना होगा , पूरा – वंशनाश होगा ।
अपने धर्म का नहीं हुआ जो , उसका कहाॅं ठिकाना है ?
इन गद्दारों को वे ही मारेंगे , जिनके तलवों को चाटना है ।
कान खोल कर सुन लो म्लेच्छो ! तुम सबका सर्वनाश होगा ;
मानवता के जितने दुश्मन , उनका शीघ्र नाश होगा ।
उनके पापों का घड़ा भर चुका , बहुत शीघ्र ये फूटेगा ;
आपस में लड़ मरेंगे सारे , ऐसा विश्वयुद्ध होगा ।
इस आग से यदि हिंदू को बचना, ये दोनों काम करना होगा ;
अब्बासी-हिंदू को जेल में भेजो,अच्छी-सरकार बनाना होगा ।