
कन्हैयालाल को मिली धमकी पर पुलिस कार्रवाई करती तो शायद उसकी जान बच जाती !
अर्चना कुमारी । टेलर कन्हैया लाल की हत्या को लेकर पुलिस की लापरवाही सामने आई है । जब कन्हैयालाल को इस्लामी कठ मुल्लों द्वारा धमकी दी गई तब उसने इस बारे में पुलिस को बताया था लेकिन पुलिस ने इस्लामी आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन लेने के बजाय दोनों पक्षों में समझौता करा दिया था।
उदयपुर पुलिस ने अपने बचाव में कहा है कि 10 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज़ हुई थी, जिसमें कहा गया था कि पैगंबर मुहम्मद पर जो आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी, उसे इन्होंने आगे प्रचारित किया है जबकि सच्चाई यह है कि कन्हैयालाल के मासूम बेटे ने इस तरह का पोस्ट किया था।
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उदयपुर में हत्या की घटना पर हवा सिंह घुमरिया, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने सफाई देते हुए कहा कि उस समय उदयपुर पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज़ कर कन्हैयालाल को गिरफ़्तार किया लेकिन बाद में उसकी बेल पर ज़मानत हुई। लेकिन वह यह नहीं बता पाए कि उदयपुर में जिस शख्स को निर्मम तरीके से मारा गया, उस शख्स कन्हैयालाल ने उदयपुर पुलिस को लगातार जान से मार देने की धमकियां मिलने की शिकायत की थी। इतना ही नहीं उसने अपनी जान की हिफाजत के लिए सुरक्षा मांगी थी।
ऐसे में धमकी की शिकायत पर कानून काम कर देता तो शायद उसकी जान बच जाती। धमकी देने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई बिल्कुल नहीं की अलबत्ता समझौता जरूर करा दिया। सूत्र बताते हैं कि इस घटना को लेकर पूरे राज्य में हिंदू और मुस्लिमों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया है जबकि अब लापरवाही के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर लॉ एंड ऑर्डर के एडीजी हवासिंह घूमरिया को प्रदेशवासियों से अपील करनी पड़ रही है ,लोग संयम बरतें।
इस घटना का वीडियो वायरल नहीं करें और पुलिस अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देगी। लेकिन अभी पुलिस और सरकार यह नहीं बोल रही, जिन जिम्मेदार उदयपुर के पुलिस अधिकारियों, जिन्होंने मृतक कन्हैयालाल की धमकी मिलने की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया उनके खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है। इसके अलावा दोनों इस्लामी कट्टरपंथी हत्यारों के खिलाफ समय रहते क्यों नहीं एक्शन लिया गया। राजस्थान लॉ एंड ऑर्डर के एडीजी हवासिंह घूमरिया ने दावा किया कि , उदयपुर में तनाव की स्थिति है।
तत्काल जयपुर से ऑफिसर और पुलिस के जवान रवाना किए गए हैं और इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस वालों की भी तैनाती सुनिश्चित की गई है ताकि कोई बवाल ना हो पाए। उनको भी पता है कि हिंदू मरा है तब बवाल भी शायद ना हो लेकिन यहीं कोई मुस्लिम मरा होता तो अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाती।
इस बीच राजस्थान के उदयपुर में दर्जी की गला काटकर हत्या मामले के बाद पूरे राज्य में अलर्ट घोषित किया गया है जबकि इस घटना के बाद राज्य में कई जगहों पर पथराव और आगजनी की घटनाएं भी सामने आई हैं। एहतियातन के तौर पर प्रशासन ने कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट सेवा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर रखा है। इस मामले में जिहादी ग्रुप के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है औरत इसके चलते NIA के सीनियर रैंक के अधिकारियों की टीम उदयपुर भेजी गई।
गृह मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि उदयपुर मामले में गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आदेश दिए हैं कि वो इस केस की जांच अपने हाथ में लें। गृहमंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस मामले में किसी भी संगठन और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
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