अगर साल 2001 में देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं होते तो कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी को दो जन्म अमेरिका की जेल में काटना पड़ता। आरोप है कि 2001 में राहुल गांधी अमेरिका के बोस्टन हवाई अड्डे पर ड्रग्स और 1.60 लाख डॉलर के साथ रंगे हाथ पकड़े गए थे। आरोप है कि अमेरिका के एफबीआई अधिकारी ने राहुल गांधी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। अमेरिकी कानून के मुताबिक आर्थिक अपराध के तहत हर 10 हजार डॉलर के लिए 8 साल जेल की सजा है। इस प्रकार राहुल गांधी को 128 साल जेल की सजा पक्की थी। लेकिन राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी के अनुरोध पर वाजपेयी जी ने अपने कद और पद का उपयोग कर राहुल गांधी को बचा लिया।
मुख्य बिंदु
* ड्रग्स और 1.60 लाख डॉलर् रखने के आरोप में राहुल गांधी को साल 2001 में अमेरिका में किया गया था गिरफ्तार
* पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेजी ने राहुल गांधी को 128 सालों की जेल होने की सजा से बचाया था
साल 2001 की बात है जब राहुल गांधी अमेरिका की यात्रा पर गए थे। बोस्टन एयरपोर्ट पर उन्हें रोका गया। आरोप है कि उनके पास से 1.60 लाख डॉलर नकद और ड्रग्स का एक पैकेट मिला था। शुरुआती जांच से पता चला कि वह उजला पाउडर कुछ और नहीं बल्कि हेरोइन था। एफबीआई ने राहुल गांधी को हवाई अड्डे पर ही रोक लिया और एक प्राइवेट रूम में पूछताछ करने लगी। जैसी इस बात की खबर सोनिया गांधी को हुई उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से इस मामले में राहुल गांधी की मदद करने का अनुरोध किया। अगर वाजपेयी जी की जगह कोई और होते तो अपने विरोधी को इस कदर फंसा देख अपना राजनीतिक रास्ता निष्कंटक बनाने का सोचते। वाजपेयी भी सोनिया गांधी के अनुरोधी की उपेक्षा तो कर ही सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने तुरंत अपने तत्कालीन मुख्य सचिव ब्रजेश मिश्र को तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस से बातचीत करने और राहुल गांधी को तत्काल छोड़ने के बारे में कहने का निर्देश दिया।
वीडियो साभार सुब्रह्मिनयम स्वामी के ब्लॉग से:
राहुल गांधी के इस अपराध का अंदाजा इसी से आप लगा सकते है कि अगर राहुल गांधी का जुर्म साबित हो जाता तो उन्हें कम से कम 128 सालों तक अमेरिकी जेल में रहना पड़ता, कहने का मतलब दो जन्मों तक राहुल गांधी को अमेरिकी जेल में रहना पड़ता। क्योंकि उनके पास से ड्रग्स और 1.60 लाख नकद कैश मिलने का आरोप लगा था, जिसकी उन्होंने घोषणा नहीं की थी। अमेरिका में इतन बड़ी रकम बिना पूर्व घोषणा के रखना आपराधिक श्रेणी में आता और इसके लिए प्रति 10 हजार डॉलर रखने पर 8 साल जेल की सजा का प्रावधान है। इस प्रकार राहुल गांधी को 128 साल जेल की सजा होना तय था। यह तो हुई सजा और अपराध की बात। लेकिन इस घटना का भारतीय राजनीति पर कितना बड़ा असर पड़ता। राहुल गांधी की इस करतूत की वजह से पूरे देश में कांग्रेस मुंह दिखाने लायक नहीं होती। और चुनाव में जाने से पहले ही कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव की बाज हार चुकी होती। लेकिन वाजपेयी ने ऐन मौके पर राहुल गांधी को जीवनदान देने के साथ कांग्रेस को चुनावी संजीवनी दे दी।
1998 से 2004 तक यानि छह सालों में चहुंमुखी विकास कर देश के मान और प्रतिष्ठा को शिखर तक पहुंचाने के बाद भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 2004 में लोकसभा चुनाव हार गए। हार के कारणों का आज तक पता नहीं चला, लेकिन कांग्रेस की जीत के कारण का जरूर पता चल गया है। यह खुलासा भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमनियन स्वामी ने किया है। पराकांतर से वाजपेयी ने ही कांग्रेस को दोवारा सत्ता में आने का रास्ता दिया। अगर अटल बिहारी वाजपेयी 2001 में राहुल गांधी को दो जन्मों तक जेल की सजा होने से नहीं बचााए होते तो कांग्रेस दोबारा सत्ता में आने लायक नहीं होती।
जबकि वाजपेयी को इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की तरह सत्ता अपने पुरुखों से नहीं बल्कि 50 वर्षों की सतत कड़ी मेहनत और संघर्ष की बदौलत मिली थी। लेकिन उनकी दयालुता ने ही कांग्रेस को 2004 के लोकसभा चुनाव में सत्ता में ला दिया। कहा जाता है कि वाजपेयी की यही चूक 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और अटल दोनों के लिए घातक साबित हुई। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि राहुल गांधी के मामले में सोनिया गांधी की मदद करना ही पराकांतर से कांग्रेस का सत्ता में लौटने का कारण बन गया
URL: If Vajpayee was not Prime Minister that time Rahul Gandhi would be in jail
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