आईआईटी कानपुर के इंजीनियरिंग के छात्र कार्तिकेय मंगलम ने अपने तकनीकी कौशल से हवा में एक व्यक्ति की जान बचा कर यह साबित कर दिया कि हौसले के आगे डिग्री फीकी पड़ जाती है। मंगलम डॉक्टर नहीं थे, लेकिन उन्होंने काम एक डॉक्टर वाला ही किया और मधुमेह से मरते एक व्यक्ति की जान बॉलपेन से बचा ली! आईआईटी कानपुर को अपने इस छात्र पर गर्व है और उसने गर्व भरा ट्वीट भी किया है-‘एक इंजीनियर भी बचा सकता है लोगों की जान!’
Karttikeya Mangalam, a final year electrical engineering BTech student, saves life of a 30-year-old Dutch national using his basic engineering acumen. #IITK feels proud to share his story in his own words.https://t.co/SmHjYFUI2n pic.twitter.com/ybnRp19K3f
— IIT Kanpur (@IITKanpur) May 7, 2018
मंगलम के अनुसार थॉमस नाम के सहयात्री जो की टाइप-1 मधुमेह था और यात्रा के दौरान वे अपना इन्सुलिन पंप मास्को के इंटरनेशनल हवाई अड्डे के सिक्योरिटी काउंटर पर भूल गया थे। जेनेवा से दिल्ली आने की एक इंटरनेशनल फ्लाइट में अचनाक उनकी तबियत बिगड़ गयी! हालांकि उस फ्लाइट में एक डॉक्टर भी थे जिन्हें खुद भी मधुमेह की बीमारी थी उन्हें थॉमस के उपचार के लिए कहा गया उन्होंने थॉमस का प्राथमिक उपचार भी किया लेकिन उनके पास उपलब्ध इन्सुलिन को इंजेक्ट करने के लिए मौजूद डिवाइस फिट नहीं हो रहा था और ऐसे में थॉमस की तबियत बिगड़ती जा रही थी! ऐसे में केवल एक ही विकल्प था कि हवाई जहाज की आपातकालीन लैंडिंग कराइ जाए लेकिन इसमें भी एक समस्या थी। फ्लाइट अटेंडेंट ने बताया कि नजदीकी हवाई अड्डा कज़ाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरहद पर मौजूद है परन्तु इसमें भी कम से कम एक घंटे का वक़्त लगेगा! ऐसे में कार्तिकेय ने इन्सुलिन डिवाइसपेन देखने की इच्छा जताई।
कार्तिकेय ने कहा की यह सारा घटना क्रम मेरी आँखों के सामने का है, “मैंने फ्लाइट-क्रू से प्रार्थना की, कि उनको वाई-फाई मुहैया कराया जाए ताकि उसका सिस्टम जान सकूँ! इसके बाद कार्तिकेय ने इन्सुलिन पेन डिवाइस का सिस्टम समझा और उसके बाद वो किया जो कोई और नहीं सोच पाया था। कार्तिकेय ने विमान में बैठे यात्रियों से बॉलपेन की स्प्रिंग की मांग की उसने बॉल पेन से स्प्रिंग निकाल कर इन्सुलिन डिवाइस पेन में डाल दी! वहाँ मौजूद डॉक्टर को वह डिवाइस ठीक लगी और उन्होंने थॉमस को इन्सुलिन की डोज़ मुहैया कराई जिससे थॉमस की तबियत में सुधार हुआ।
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि दिल्ली पहुँच कर भी कार्तिकेय ने थॉमस को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में पहुँचाया। थॉमस ने कार्तिकेय का धन्यवाद दिया और उसे अपने घर आने का न्योता भी दिया। एक हिन्दुस्तानी द्वारा की गई मदद केवल इंसानियत ही नहीं बल्कि उसके हौसले और जज्बे को भी बयान करती है जिसका उदाहरण कार्तिकेय ने सबके सामने रखा है जो वाकई प्रशंसनीय है।
URL: IIT-Kanpur Engineering Student Skills Helped Save A Man’s Life On Flight
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