या तो जीवन में नैतिकता या कानून का शासन हो ;
जहाँ नहीं ये दोनों होंगे , वहाँ विनाश का शासन हो ।
भारत में दोनों समाप्तप्राय हैं , अब जनता ही आगे आये ;
विशेष रूप से हिंदू-जनता , अपना सोया भाग्य जगाये ।
धर्म – सनातन सर्वश्रेष्ठ है , हिंदू उससे शक्ति पाओ ;
शस्त्र,शास्त्र का पूर्ण प्रशिक्षण , अपने अंदर शक्ति लाओ ।
रामायण , गीता , महाभारत , पढ़ना और पढ़ाना है ;
धार्मिक-शिक्षा बच्चों को देकर , उन्हें सुरक्षित करना है ।
धर्म हमें जीना सिखलाता , शत्रु-मित्र का भेद बताता ;
शत्रु-बोध को जागृत करके , सदा हमारी जान बचाता ।
अब्राहमिक बेरहम शिकारी , हिंदू है आसान शिकार ;
कायर ,कमजोर ,नपुंसक नेता , उस पर नाकारा सरकार ।
अनाचार में डूब चुके हैं , सेक्युलरिज्म का दलदल है ;
सारे – दल ऐसे ही दलदल , धर्म – सनातन ही हल है ।
हिंदू की है विकट परिस्थिति , उसका कोई नहीं है रक्षक ;
नेता सब गांधी के चेले , बने हुये हिंदू के भक्षक ।
सर्वप्रमुख अब्बासी – हिंदू , साथ में है सरकारी – हिंदू ;
हुआ मानसिक-खतना इनका , केवल नाम के हैं ये हिंदू ।
हिंदू के सबसे बड़े शत्रु हैं , हिंदू को इनसे बचना होगा ;
विकल्पहीन अब नहीं है हिंदू, “इकजुट-भारत” लाना होगा ।
गंदी-राजनीति अंधियारा , इसमें प्रकाश की रेखा उभरी ;
जम्मू में प्रज्ज्वलित हुयी है , अग्निशिखा बनकर उभरी ।
“इकजुट-जम्मू” एक नया दल , “अंकुर शर्मा” लाये हैं ;
हिंदू इसका करें समर्थन , “इकजुट-भारत” आये है ।
अभी तो जम्मू में सीमित है , “इकजुट-जम्मू” की गंगा ;
अब भारत भर में फैलेगी , “इकजुट-भारत” की गंगा ।
पूरे भारतवर्ष के हिंदू , इस गंगा में डुबकी मारें ;
राजनीति हो शुद्ध देश की , व हिंदू के वारे – न्यारे ।
हिंदू – मन में जाग रहा है , भारत का पुनरोदय होगा ;
हजार बरस का जो है पातक , उसका पूर्ण समापन होगा ।
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , पूरे विश्व में आयेगा ;
पूर्ण स्वतंत्र सब हिंदू होंगे , अब्बासी – हिंदू जायेगा ।
“हिंदू-राष्ट्र” बनेगा भारत , सब अंधियारा मिट जायेगा ;
“इकजुट-जम्मू”,”इकजुट-हिंदू” , “इकजुट-भारत” आयेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”