Archana Kumari. पाक आतंकी अशरफ ने खुलासा किया है कि वह करीब 3 साल पहले थाईलैंड और दुबई गया था और वहां जाकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों को महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे थे। पुलिस का कहना है कि उसने दोनों यात्राएं भारतीय पासपोर्ट जो फर्जी कागजात के आधार पर बना था उसके जरिए की थी । उसे दोनों देश में मिलने के लिए उसके आका नासिर ने बुलाया था ।
उसका कहना है कि भारत में रहने वाले कई लोग उसे मदद करते थे जबकि वह उन्हें मोटी रकम देता था। पुलिस का कहना है कि जब आतंकी अशरफ दुबई और थाईलैंड गया था तब वहां पर नासिर के अलावा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी उससे मिलने आए थे । सूत्रों का दावा है कि आतंकी अशरफ ने देश में सेना के मूवमेंट और तैनाती के अलावा जम्मू कश्मीर एवं दिल्ली सहित कई राज्यों की लोकेशन, तस्वीरें, नक्शे ,वीडियो एवं अन्य कई तरह की इनपुट उनके साथ सांझा किये ।
इसके अलावा वह अपने साथ कुछ महत्वपूर्ण जगहों की फोटो, वीडियो एवं कुछ नक्शे भी लेकर गया था। आतंकी अशरफ से इस समय स्पेशल सेल के अलावा आईबी, मिलिट्री इंटेलिजेंस, जम्मू कश्मीर पुलिस और एनआईए पूछताछ कर रही है और उसके किए गए खुलासे के आधार पर कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है इसमें पुरानी दिल्ली के एक मस्जिद का मौलवी भी शामिल है।
हालांकि उसके संपर्क में रहने वाले अधिकांश लोग भूमिगत हो चुके हैं । पुलिस सूत्रों का कहना है कि साल 2004-2005 में भारत आने के बाद जासूसी और रेकी किए जाने के अलावा पहले 5 साल केवल अपनी पहचान बनाने और अपने पहचान वाले दस्तावेज बनवाने में आतंकी अशरफ ने लगाए जबकि उसके बाद अजमेर बंगाल तथा बिहार गया इसके बाद विभिन्न राज्यों में दौरा किया।
बाद में दिल्ली में आकर रहने लगा और यहीं से विभिन्न देश विरोधी गतिविधियों में शामिल था। पुलिस सूत्रों का दावा है कि साल 2009 से अशरफ जम्मू कश्मीर पर नजर रखना शुरू किया और वहां से जासूसी तथा रेकी की घटना को अंजाम दिया। जिसके बाद वहां पर आतंकी कार्रवाई की गई। पूछताछ में पता चला है कि अशरफ कोडिंग में जरिए जानकारियां देता था जबकि भारतीय सेना की गाड़ियों के नम्बर को अपनी दिहाड़ी मजदूरी बता कर सूचना देता था।
इसके अलावा उसने कई और कोड का इस्तेमाल किया और आईएसआई को सूचना मुहैया कराई । अशरफ इन दिनों स्लीपर सेल की मदद से त्योहारी सीजन में विभिन्न बाजारों में धमाका की साजिश तैयार करने में जुटा था जबकि उसने इंडिया गेट, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, लाल किला और आईटीओ पर पुराने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं आईएसआई को दिया था