एक तरफ पाकिस्तान हमारे जांबाज बीएसएफ जवान की बर्बरता पूर्वक हत्या करता है, जो पाकिस्तान कश्मीर के दुर्दांत आतंकवादी बुरहान वानी पर डाक टिकट जारी कर सकता है उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शांति वार्ता बहाल करने तथा इसी महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा की होने वाली बैठक के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच भेंट होने की अपील करने वाले पाक के नए प्रधानमंत्री इमरान खान का यही असली चेहरा है। पाकिस्तान की ये बेगैरत हरकत अब उसकी आदत बन गई है। जब-जब पाकिस्तानी हुक्मरान भारत से शांति या बातचीत की गुहार लगाता है तब-तब उसकी सेना किसी न किसी नापाक हरकत को अंजाम देने में सफल हो जाती है। वह चाहे कारगिल हो, सैनिकों का सर कलम करने की बर्बर घटना हो या संसद से लेकर एयरबेस पर आतंकी हमला हो या फिर इस बार एक बीएसफ जवान की निर्मम हत्या हो। वह ऐसा इसलिए करता है क्योंकि हमारे अपने ही देश के सिद्धू और अय्यर जैसे नेता उसका गुणगान करने से पीछे नहीं हटते। ऐसे में समय आ गया है कि सरकार पाकिस्तान को सबक सिखाने के साथ ही ऐसे देशद्रोही और छद्म नेताओं को भी सबक सिखाए।
मुख्य बिंदु
* अपनी करतूतों से इमरान खान ने साबित कर दिया कि वह पाक का हुक्मरान नहीं बल्कि अपनी फौज का गुलाम है
* कांग्रेस के नेता सिद्धू को आज देश को जवाब देना चाहिए कि भारत के प्रति पाकिस्तान में क्या बदलाव आया है?
पाकिस्तान अपनी बेगैरत हरकत और आदत से कभी बाज नहीं आने वाला है। क्योंकि गद्दारी और मक्कारी उसका नस्लीय गुण है। उसकी हरकत मानवीय हो ही नही सकती क्योंकि वह हैवान है। अपने पूर्व हुक्मरानों की तरह ही इमरान खान ने अपना नस्ल दिखा ही दिया। एक तरफ पीएम मोदी को शांति वार्ता शुरू करने की चिट्ठी लिखी है वहीं अपने आका फौज से कहकर धोखे से हमारे जाबांज जवान का सरहद सिर कलम करवाया है। बेगैरत की भी कोई हद होती है लेकिन सत्ता पर काबिज होते ही इमरान खान ने तो बेगैरती की सारी हदे हीं पार कर दी है!
सरहद पर हमारे सैनिकों को धोखे से मारेंगे, उनके शरीर नोचेंगे और यहाँ चिट्ठियाँ लिखेंगे कि ‘शांति-वार्ता’ कर लो? बेग़ैरती की कोई हद है? https://t.co/6tyb61VWSt
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) 20 September 2018
पाकिस्तान को अपनी इस नापाक हरकत के लिए आज न कल जवाब देना ही होगा। वह नहीं भी देना चाहेगा तो हमारी सेना और सरकार उससे उसका जवाब उगलबा ही लेगी। लेकिन अभी तो कांग्रेस के नेता तथा पंजाब के कैबिनेट मंत्री सिद्धू को जवाब देना चाहिए। क्योंकि अभी तो वही पाकिस्तान के प्रवक्ता बने घूम रहे हैं। जिस पाकिस्तानी जनरल से गले मिलने के बाद वे पाकिस्तान के होकर रह गए हैं उसी जनरल के पिट्ठुओं ने हमारे बीएसएफ जवान के साथ सरहद पर अमानवीय व्यवहार किया है। क्या ऐसे में सिद्धू को देश में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका जवाब देना नहीं बनता है? या पाकिस्तान में सबकुछ बदलने का राग गाने वाले सिद्धू से यह नहीं पूछा जाना चाहिए कि वे बताएं कि उनके दोस्त इमरान खान के सत्ता में आ जाने से भारत के प्रति पाकिस्तान के व्यवहार में क्या बदलाव आया है?
नवजोत सिंह सिद्धू जिस पाकिस्तान के प्रवक्ता बने घूम रहे हैं आजकल उसी पाकिस्तान ने एक BSF जवान की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी है। सिद्धू साहब, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कीजिए और आपके पाकिस्तानी दोस्तों से पूछकर बता दीजिए कि वहां की नई सरकार में क्या बदला? @sherryontopp
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) 20 September 2018
सरहद पर तैनाह हमारे बीएसएफ जवान को आतंकिस्तान ने जिस प्रकार अगवा कर उन्हें 9 घंटों तक टॉर्चर किया। उन्हें करंट का शॉक दिया, पैर काट दिए, आंखें निकाल लीं, गला रेता और उससे भी जी नहीं भरा तो तीन गोलियां मार दी। सिद्धू को जवाब देना चाहिए कि क्या ऐसी बर्बरता हैवान भी करता होगा? पाकिस्तान के सेना रूपी हैवान की करतूत सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए। फिर भी कुछ लोग पाकिस्तान की बर्बर करतूतों को ढकने के लिए दूसरी तस्वीर दिखा-दिखा कर गुमराह करने में जुट गए हैं।
BSF जवान को आतंकिस्तान ने अगवा किया, 9 घंटे तक टॉर्चर किया…करंट लगाया, पैर काटा, गला रेता, आँख निकाली, 3 गोलियाँ मारीं. सुन कर ही रूह काँप जाती है. कुछ लोग दूसरी तस्वीर दिखा कर गुमराह कर रहे हैं. सोचिए और ख़ुद फ़ैसला करिए pic.twitter.com/y2epNiJdL3
— Manak Gupta (@manakgupta) 20 September 2018
दुनिया में अलग-थलग पड़ा आतंकिस्तान अब कंगाली की कगार पर खड़ा है. ऐसे में इमरान ख़ान ने हमारी तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. मक़सद सिर्फ़ एक है – अपना उल्लू सीधा करना. ये बेक़रारी कितने दिन छुपाते @ImranKhanPTI
— Manak Gupta (@manakgupta) 20 September 2018
ये हाल आतंकिस्तान का तब है जब वह न केवल पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है बल्कि कंगाली की कगार पर खड़ा है। सरकार चलाने तक के पैसे नहीं हैं। दुनिया भर से भीख मांग रहा है लेकिन कोई देने को तैयार नहीं है। ऐसे में जब उसका नया बजीर-ए-आजम इमरान ख़ान हमारी तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाता है तो उसका मकसत सिर्फ मक्कारी ही हो सकता है। वह अपनी इस मक्कारी से अपना उल्लू सीधा करना चाहता है। लेकिन उसने अपनी इस हरकत से साबित कर दिया कि वह अपने पूर्ववर्ती हुक्मरान की तरह ही पाकिस्तानी फौज का गुलाम ही है। और गुलाम के पास कभी फैसला करने का हक नहीं होता है वह तो सिर्फ अपने आकाओं का हुक्म बजाने के लिए होता है।
URL: Imran Khan made an appeal to Narendra Modi to restore peace talks
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