संदीप देव । हिंदुओं को किसी पार्टी, व्यक्ति की जगह केवल अपने मुद्दों पर फोकस करना चाहिए जैसे म्लेच्छ करते हैं। इसलिए हर पार्टी व नेता म्लेच्छों की चाकरी करता है।
भाजपा विपक्ष में हिंदू हितैषी रहती है, और सत्ता में आते ही म्लेच्छों के आगे बिछ जाती है। उदाहरण के लिए सत्ता में रहकर राम सेतु तोड़ने के लिए बजट जारी करती है, कहती है इसके पुख्ता प्रमाण नहीं हैं और विपक्ष में पहुंचते ही रामसेतु बचाने के लिए आंदोलन करने लगती है। विपक्ष में रहकर मुस्लिमों पर संसाधन लुटाने वाली ‘सच्चर कमेटी’ का विरोध करती है और सत्ता में आते ही उसे लागू कर देती है। विपक्ष में SC/ST में मुस्लिम/इसाई के शामिल होने का विरोध करती है और सत्ता में आकर इसकी संभावना तलाशने के लिए जस्टिस बालाकृष्णन पैनल का गठन कर देती है। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं भाजपा के दोहरेपन और पाखंड के।
यही नहीं, वह सत्ता में आते ही हिंदुओं को और अधिक जाति-पाति में तोड़ना भी आरंभ कर देती है। मंडल कमीशन से लेकर SC/ST act को और मजबूत बनाने तक ऐसे अनेक उदाहरण हैं। अब तो भाजपा हिंदुओं के तीर्थ क्षेत्रों का विनाश भी खुलकर कर रही है, क्योंकि वह जानती है कि अंधे हिंदू अपने धर्म से अधिक ‘व्यक्ति पूजा’ में सुख पाते हैं! नरेंद्र मोदी जी जैसे नेताओं को खूब पता है कि हिंदुओं को केवल प्रतिकात्मक राजनीति दो और काम म्लेच्छों के लिए करो, फिर भी हिंदू उनका झोला ढोते रहेंगे!
अभी तक पार्टियों और नेताओं की चाकरी के कारण हिंदू अपने देश का आधा हिस्सा सहित बहुत कुछ गंवा चुका है, आश्चर्य है कि फिर भी हिंदुओं की आंखें नहीं खुल रही हैं?
गांधी-नेहरू और कांग्रेस ने भी कभी हिंदू नेता व हिंदू पार्टी बनकर ही हमें तबाह किया था, आज संघ, भाजपा और नरेंद्र मोदी भी हिंदू संगठन, हिंदू पार्टी और हिंदू नेता बनकर ही हमें बर्बाद कर रहे हैं!
इतिहास फिर दोहराया जा रहा है, और हिंदू फिर व्यक्ति व पार्टी की चाकरी में फंसा हुआ है! आश्चर्य देश विभाजन के 75 साल बाद भी हिंदू नहीं सीख पा रहा है!
याद रखिए नेता या पार्टी नहीं, हिंदू हितैषी मुद्दों पर फोकस कीजिए तब नेता आपके लिए राजनीति करेंगे, अन्यथा हमेशा वोट आप करेंगे और जीतने के बाद नेता और पार्टियां नीतियां म्लेच्छों के लिए बनाएंगी एवं सारे संसाधन उन पर ही लुटाए जाएंगे, जैसे मोदी सरकार ने देश के 30% से अधिक संसाधनों पर म्लेच्छों को अधिकार दे दिया है, और अधिकांश हिंदुओं को इसका पता भी नहीं चला, क्योंकि वो मुद्दों पर नहीं नेता पर फोकस कर उसकी पूजा में व्यस्त हैं! ‘व्यक्ति पूजक हिंदुओं’ केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय का पिछले आठ साल का वार्षिक रिपोर्ट निकाल कर अपनी तबाही का आकलन साल-दर-साल स्वयं कर लो, यदि मेरी बातों पर भरोसा नहीं है तो?
अतः जागिए और जगाइए अन्यथा आपके बच्चों के लिए कुछ नहीं बचेगा! अरे, आपके बच्चों को इस देश में जान बचाना मुश्किल हो जाएगा! देश में न जाने कितने कश्मीर बन चुके हैं, और आप अभी भी नींद का नाटक कर रहे हैं! इन आठ सालों में 12 लाख से अधिक हिंदू इस देश की नागरिकता छोड़ कर किसी अन्य देश में बस चुके हैं और आप कुंभकर्ण की निद्रा त्यागने को तैयार ही नहीं दिखते!
अरे, आंखें खोलिए और हिंदू मुद्दों को पहचान कर उस पर फोकस करना और उसके अनुरूप वोट एवं एक्ट करना सीखिए, जैसे म्लेच्छ करते हैं!
अपने लोकल हिंदू नेता को जीत दिलाकर संसद में भेजिए ताकि हिंदू हितैषी मुद्दे वह संसद के पटल पर रख सके और सभी हिंदू विरोधी कार्य को रोकने के लिए वह वहां हंगामा कर सके। 2022 में सीरिया के अंदाज में करीब आधा दर्जन हिंदुओं का गला जिहादियों ने काटा, लेकिन कोई सांसद आपके लिए संसद में बोला? आपके लिए रोया? जबकि कहने को हिंदू नाम वाले करीब 750 सांसद लोकसभा-राज्यसभा में हैं! फिर क्या लाभ हुआ आपको इन्हें संसद में भेजकर?
अपने समुदाय के लिए जैसै ओवैसी हंगामा करता है, क्या आपके पास ऐसा एक भी सांसद है? फिर 75 साल तक इन पार्टियों को वोट करके आपको क्या मिला? सोचिए इस पर! सोचिएगा तो ही राह निकलेगी। पहला कदम किसी की चाकरी छोड़कर स्वतंत्र रूप से सोचना ही है! अतः अपनी स्वतंत्रता की ओर कदम बढ़ाइए और अपने मुद्दों को पहचानना सीखिए! प्रतिकात्मक राजनीति से बाहर निकलिए यदि अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य छोड़ कर इस पृथ्वी से विदा होना चाहते हैं तो?
अपूज्या यत्र पूज्यन्ते
पूज्यानां तु विमानना ।
त्रीणि तत्र प्रवर्तन्ते
दुर्भिक्षं मरणं भयं ॥
अर्थात् :- जिस देश या समाज में अपूज्य और अयोग्य व्यक्तियों का सम्मान होता है और पूजनीय सम्माननीय व्यक्तियों का निरादार और अपमान होता है, वहां सदैव दुर्भिक्ष, मृत्यु तथा भय, ये तीनों विपत्तियां छायी रहती हैं।