आज भारत का डंका पूरी दुनिया में सिर चढ़कर बज रहा है, वह चाहे अर्थव्यवस्था का क्षेत्र हो विदेश नीति का चाहे सैन्य क्षमता का। जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से भारत न आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है बल्कि सैन्य क्षमता में भी वह शीर्ष चार देशों की कतार में खड़ा है। 2018 में दुनिया के देशों की सैन्य क्षमता की अंतर्राष्ट्रीय सूची में भारत चौंथे स्थान पर है। वहीं समग्र विकास की बात करें तो एशिया- प्रशांत क्षेत्र के 25 देशों में भारत कुल मिला कर चौथी सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरा है। मोदी ने अपने कथन के अनुरूप भारत को किसी से आंख झुकाकर नहीं बल्कि आंख मिलाकर बात करने वाला देश बना दिया है। दुनिया में आज कोई ऐसा देश नहीं है जो भारत की उपेक्षा कर सके। भारत को यह ताकत तभी मिली है जब उसकी सैन्य क्षमता बढ़ी है। इस अंतरराष्ट्री सूची देखने के बाद भारत की तुलना पाकिस्तान से करने वालो अब थोड़ा चेत जाओ। पाकिस्तान को वर्तमान भारत सरकार किसी गिनती में नहीं रखती है। यह कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार नहीं है जिसकी विदेश नीति से लेकर रक्षा नीति पाकिस्तान केंद्रित रही हो।
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मुख्य बिंदु
आर्थिक नीति से लेकर विदेश नीति तक में हर जगह भारत की छवि सुधरी है
वहीं यूपीए सरकार को लकवाग्रस्त बताया जाता था, हर क्षेत्र में देश को मुंह की खानी पड़ी थी
भारत में यह बदलाव निश्चित रुप से 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के साथ शुरू हुआ है। खासकर सैन्य क्षेत्र में यह बदलाव गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री बनने के बाद से शुरू हुआ। 2014 के नवंबर में पर्रिकर के रक्षा मंत्री बनने के साथ ही देश की सैन्य क्षमता के साथ हमारे सैन्य बलों में बेहतर सुधार होना शुरू हुआ। उन्होंने ही अपने सैन्य बलों को बेहतर सुविधा देने से लेकर उम्दा हथियार देने की शुरुआत की। उन्होंने ही ओआरओपी (वन रैंक वन पेंशन) योजना की शुरुआत की। उन्होंने जवानों की जरूरत के हिसाब से बेहतर हथियार और लड़ाकू विमान खरीदने पर बल दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि उन्होंने रक्षा मंत्रालय को भ्रष्टाचार और घोटाला मुक्त किया। जिसका परिणाम आज सबके सामने है। देश आज दुनिया के मानचित्र पर चौथे सबसे सबल सैन्य क्षमता वाला देश बन चुका है।
वहीं जहां तक यूपीए सरकार के समय भारत की सामरिक स्थिति की बात है तो स्थान जो भी रहा हो लेकिन रुतबा कभी इतना नहीं रहा जितना आज है। सैन्य शक्ति को तो कमजोर नहीं कहा जा सकता लेकिन जो उत्साह सैन्य बलों में होना चाहिए सरकार के फ्रंट पर वह उत्साह कभी नहीं दिखा। उस समय रक्षा मंत्रालय की दशा का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि “इंडिया टुडे” ने 2014 में अपने एक कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी को सबसे कमजोर और लचर रक्षामंत्री आंका था। अपनी रिपोर्ट में तो उसने एंटनी को अभी तक के सबसे कमजोर रक्षामंत्री तक बता दिया था। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस समय दुनिया में भारत की रैंकिंग क्या रही होगी। जबकि एके एंटनी सबसे लंबे समय तक रक्षामंत्री रहने वालों में शुमार हैं। एके एंटनी यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल में रक्षा मंत्री थे। इंडिया टुडे ने अपने रिपोर्ट में लिखा था कि एंटनी को अगर रक्षामंत्री के रूप में याद किया जाएगा तो रक्षा मंत्रालय में हुए घोटालों, संकट तथा अनमयस्कता के लिए।
ऐसा नहीं कि भारत यह छलांग पहले नहीं लगा सकता था। लगा सकता था लेकिन सही नेतृत्व के अभाव में भारत ऐसा नहीं कर पाया। अब जब सही नेतृत्व मिला है तो भारत अपना सही स्थान भी पाने लगा है। इससे पहले यूपीए सरकार ने तो कभी अपनी विदेश और रक्षा नीति पाकिस्तान से आगे बढ़ने ही नहीं दी। उन्होंने जो नीति बनाई वह पाकिस्तान केंद्रित होती थी। जबकि मोदी ने जो नीति बनाई उसमें पाकिस्तान कहीं रहता ही नहीं। यही कारण है कि जहां भारत विश्व के मानचित्र पर चमक रहा है वहीं पाकिस्तान का आज कोई नामलेवा भी नहीं है।
URL: In Modi government, India became the world’s fourth largest military power
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