विदेशी एजेंसियों ने देशी जांच एजेंसियों को यह जानकारी दी है मनमोहन सरकार के समय भारत से चार्टर्ड विमान में भरकर पैसे बाहर के देशों में भेजे गए थे। यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय ने दी है। अब सवाल उठता है कि इस खेल में आखिर कौन-कौन शामिल था? शक की सूई बहरहाल पत्रकार से दलाल बने उपेंद्र राय की तरह जाती दिख रही है। संभवतः उपेंद्र राय केवल हैंडलर हो, जिसने काले राजनेताओं और करोबारियों का धन चार्टर विमान से बाहर भेजने में बिचौलिए की भूमिका निभाई हो। उपेंद्र राय पर शक किसी और ने नहीं बल्कि ईडी ने जताया है। मालूम हो कि उपेंद्र राय ने मनमोहन सरकार के दौरान धोखाधड़ी कर पूरे देश के एयरपोर्ट के लिए वीआईपी पास बनवाया था। इस मामले में ही वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है। इस खुलासे से उपेंद्र राय का एयरपोर्ट के लिए वीआईपी पास बनवाने का राज भी खुलता दिख रहा है। हालांकि इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि वह अभी सबूत जुटाने में लगी हुई है।
मुख्य बिंदु
* धोखाधड़ी से एयरपोर्ट का वीआईपी पास हासिल करने से लेकर पैसे उगाही के मामले में तिहाड़ में बंद है उपेद्र राय
* विदेशी एजेंसियों ने भारतीय एजेंसियों को चार्टर्ड प्लेन से देश के पैसे बाहर जाने के बारे में दी है जानकारी
बताया जा रहा है कि जब से सीबीआई और ईडी ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के दलाल उपेंद्र राय को गिरफ्तार किया है और उससे पूछताछ की है तभी से इन दोनों जांच एजेंसियों को अंदेशा हो गया था कि कहीं न कहीं चार्टर्ड विमानों से देश का कैश विदेश भेजा गया है। लेकिन इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिला था। अब जब विदेशी एजेंसियों ने भारत से कैश बाहर जाने की जानकारी दी है तो अब यह संदेह यकीन में बदलने लगा है। भारतीय जांच एजेंसियों को शक है कि इन चार्टर्ड विमानों में नोट छिपाने के लिए सुरंगनुमा जगह तो नहीं बनाई गई ।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार जांच एजेंसियों को संदेह है कि किसी इंजीनियर के साथ मिलकर इन चार्टर्ड प्लेनों को अंदर सुरंग बनाई जाती थी उसी में हवाला का पैसा भरकर ले जाया जाता था। चूँकि वीआईपी प्लेन की ज्यादा जांच भी नहीं की जाती है इसलिए काले धन को बाहर भेजने का यह खेल चलता रहा! सूत्रों ने यह भी बताया है कि एयरवन नाम की कंपनी जिसका संबंध उपेंद्र राय से भी है, अपने प्लेन को काफी समय तक दुबई में रखती थी। इतना ही नहीं जांच से बचने के लिये दुबई के आसपास किसी छोटे एयरपोर्ट पर इन प्लेनों को खड़ा किया जाता था। बताया गया है कि उपेंद्र राय की कंपनी की फ्लाइट हिसार जैसे देश के छोटे एयरपोर्ट से उड़ानें भरती थी, जिस कारण उसकी ज्यादा जांच पड़ताल भी नहीं होती थी।
गौरतलब है कि भारतीय जांच एजेंसियों को उपेंद्र राय के पास से देश के सभी एयरपोर्ट का वीआईपी पास मिला था। उसका यह वीआईपी पास ब्यूरो ऑफ सिविल एवियेशन की ओर से जारी किया गया था। यह वह पास था जिसके जरिये उपेंद्र राय देश के किसी भी एयरपोर्ट पर बेरोक-टोक जाता था। इसी हफ्ते में प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया है उपेंद्र राय की 26 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है। जिसमें दिल्ली के ग्रेटर कैलाश और कनॉट प्लेस जैसे इलाके में फ्लैट भी शामिल हैं।
आशंका है कि यह कालाधन यूपीए सरकार के एक मंत्री और उस समय हुए घोटालों का था। इसकेे अलावा उन धन्नासेठों का भी धन इस विमान से बाहर गया था, जिन्हें आयकर अधिकारियों से मिलकर उपेंद्र राय ब्लैकमेल किया करता था। आखिर एक पत्रकार के पास छापे में 26 करोड़ की प्रोपर्टी का निकलना, बेहद संदेहास्पद है!
उपेंद्र राय को लेकर पीगुरु वेबसाइट और इंडिया स्पीक्स डेली काफी पहले से खुलासा करती आ रही है। इसी खुलासे की वजह से उपेंद्र राय ने इंडिया स्पीक्स डेली के प्रमुख संपादक संदीप देव को सौ करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भी भेजा था। लेकिन अब जब नए-नए खुलासे सामने आ रहे है, इससे साबित हो गया है कि संदीप देव और इंडिया स्पीक्स डेली वेबसाइट तथा पीगुरु का उपेंद्र राय की करतूतों और कारगुजारियों के खिलाफ चलाया गया अभियान कितना सही था।
URL: in tenure of Manmohan Singh black money were sent abroad through chartered planes
Keywords: upendra rai, ED, CBI,black money, manmohan singh, Aviation Staff, Air One, Airport Entry Pass, Paid journalist, उपेंद्र राय, एअरपोर्ट इंट्री पास, उपेन्द्र राय, काला धन, प्रवर्तन निदेशालय, उपेन्द्र राय संदिग्ध आर्थिक लेनदेन, मनी लोंड्रिंग, इडी, सीबीआई,