Archana Kumari. देश के बहुचर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर केस में आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई गई जबकि अदालत ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए आरोपी आरिज खान पर 11 लाख का जुर्माना भी लगाया । इनमें से 10 लाख शहीद मोहन चंद शर्मा के परिजनों को दिए जाएंगे।
इस मामले में इससे पहले आरोपी शहजाद अहमद को 2013 में सजा हुई थी। एडिशनल सेशंस जज संदीप यादव ने सोमवार शाम को यह फैसला सुनाया । इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शहीद मोहन चंद शर्मा की पत्नी माया शर्मा ने इसे राहत भरा समाचार बताया।
दिल्ली पुलिस ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ये मामला न्याय के एक रक्षक की हत्या से जुड़ा है। एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की ड्यूटी के दौरान हत्या की गई । पुलिस की ओर से उकसावे की कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
जबकि इस फैसले से शहीद के परिवार को इंसाफ मिल पाएगा। गौरतलब है कि पिछले 8 मार्च को साकेत कोर्ट ने आरिज खान को दोषी करार दिया था। जबकि 15 मार्च को इस पर फैसला आना रह गया था ।
आरिज खान को दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था। इस खूंखार आतंकी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया ।
जबकि इंडियन मुजाहिद्दीन के इस आतंकी पर दिल्ली, अहमदाबाद (गुजरात), उत्तर प्रदेश और जयपुर (राजस्थान) में हुए बम धमाकों का भी आरोप है। आरोप है कि वह दिल्ली में 2008 में बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान एक L-18 स्थित फ्लैट में मौजूद था।
उसी जगह चार और आतंकी मौजूद थे। कुल 5 आतंकियों में से दो आतंकियों को भागने में आरिज ने मदद की थी जबकि दो मौके पर मार गिराए गए थे। आरिज के खिलाफ एनआईए ने 15 लाख रुपये का इनाम रखा था।
दिल्ली पुलिस ने भी उस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। जांच में पता चला कि आरिज खान उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में दोषी करार दिए गए आरिज खान को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई गई और अदालत ने कहा कि आरिज को 302 के तहत पहले ही दोषी करार दिया चुका है।
अदालत ने 8 मार्च को अपने फैसले में कहा था कि एनकाउंटर के वक्त आरिज खान मौके पर ही था लेकिन वो पुलिस की पकड़ से भाग निकला था। अदालत ने सुनवाई के दौरान फैसला सुनाते हुए कहा कि उसने भागने से पहले पुलिसवालों पर भी फायरिंग की थी। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान को आईपीसी की धारा 186, 333, 353, 302, 307, 174A, 34 के तहत दोषी पाया और अदालत ने आईएम के आतंकी को आर्म्स ऐक्ट की धारा 27 के तहत भी दोषी करार दिया।
इस एनकाउंटर के बाद भारी बवाल मचा था क्योंकि कांग्रेेेस पार्टी ने मुठभेड़ को लेकर सवाल उठाए थे । कांग्रेस के दिग्गज नेताओं जैसे सोनिया गांधी दिग्विजय सिंह तथा सलमान खुर्शीद आदि ने आतंकियों के समर्थन में बेबाकी से बयान दिए थे और इसकी देश भर में आलोचना की गई थी।
एनकाउंटर के बाद मुस्लिम वोट बैंंक खिसकने की आशंका के चलते कांग्रेस ने गंदा खेल खेला था इससे दिल्ली पुलिस के मनोबल पर भी असर पड़ा था । आरिज खान को फांसी दिए जाने के फैसले को लेकर अदालत ने साफ कर दिया है कि यह साबित हो चुका है कि आरिज खान और उसके सहयोगियों ने जान-बूझकर पुलिसवालों को चोट पहुंचाई थी।
अदालत ने यह भी कहा कि आरिज खान ने इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा पर गोली चलाई ,जिससे उनकी जान गई। इस मामले को लेकर अभियोजन पक्ष ने पर्याप्त सबूत पेश किए जिनपर कोई संदेह नहीं किया जा सकता है। अदालत ने इस आतंकी को समाज के लिए खतरा बताया और कहा इसे जीने का हक नहीं है।
पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक ए.टी. अंसारी ने कहा कि इस मामले में ऐसी सजा दिए जाने की आवश्यकता है, जिससे अन्य लोगों को भी सीख मिले और यह सजा मृत्युदंड होनी चाहिए। आरिज खान के वकील ने मृत्युदंड का विरोध किया था लेकिन कोर्ट ने उसकी मांग ठुकरा दी