संदीप देव । Sc/ST Act की फांस सवर्णों और OBC पर लगातार बढ़ती जा रही है! कोई सुनने वाला नहीं, क्योंकि संविधान, सरकारें, पार्टियां, नेता, प्रशासन, कानून- सब जातिवादी हैं!
सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाईकोर्ट ने SC/ST Act के बढ़ते दुरुपयोग पर लगातार तीक्ष्ण टिप्पणियां भी की हैं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तो फर्जी SC/ST Act मामलों में CBI जांच का भी आदेश दिया, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने अदालतों की टिप्पणियों को किनारे कर न केवल सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया, बल्कि SC/ST Act को और कड़ा बना दिया।
छोटे-छोटे बच्चे फर्जी केस में जेल भेजे जा रहे हैं, और सवर्ण/OBC समाज इस डर से चुप रहता है कि इसका विरोध करने पर कोई उसे जातिवादी न कह दे, इसका विरोध करने पर कोई उसे फलां पार्टी और फलां नेता विरोधी का मैडल न थमा दे!
यह होना तो प्रत्येक सवर्ण/OBC परिवार के साथ है! और तब और भयावह होगा जब SC/ST की श्रेणी में मुस्लिम/ईसाई को भी शामिल कर लिया जाएगा, जिसकी संभावना तलाशने के लिए मोदी सरकार द्वारा जस्टिस बालाकृष्णन कमेटी पहले ही गठित की जा चुकी है।
यदि ऐसा हुआ तब यह सोनिया गांधी के सांप्रदायिक लक्षित हिंसा विधेयक के समकक्ष हो जाएगा। उस विधेयक में भी बिना जांच के हिंदुओं को उठाने का कानून बनाया जा रहा था, इस SC/ST act में भी बिना जांच के ही सवर्णों/OBC को उठाने का प्रावधान है!
अभी SC/ST वर्ग के लोगों द्वारा इस कानून के दुरुपयोग का मामला सामने आ रहा है, कल को मुस्लिम/ईसाई भी इस कानून का सवर्णों व OBC हिंदू के विरुद्ध दुरुपयोग करेंगे! फिर कोई हिंदू नहीं बचने वाला?
पकड़े रहो अपनी-अपनी पार्टी और नेता, जब तक कि इस आग की आंच तुम्हारे घर तक न पहुंच जाए!