जो भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के विदेशी दौरे पर तंज कसते थे उनके मुंह पर तमाचा है जापान और भारत की बीच हुई 75 बिलिनय मुद्रा अदला-बदली डील! एक समर्थ कूटनीति के साथ भारत की अर्थनीति के सन्दर्भ में मोदी सरकार की विदेश नीति में मोदी सरकार पिछली सरकारों से मीलों आगे दिख रही है। पीएम मोदी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेशी नीति भी नई ऊंचाइयों को छूने लगी है। जापान दौरे पर गए मोदी ने अपने समकक्ष शिंजो आबे के मुद्रा के अदला-बदली सौदा समझौते पर हस्ताक्षर कर न केवल भारतीय विदेश नीति को मजबूत किया है बल्कि देश की मुद्रा को भी मजबूत किया है। इससे पहले भारत का जापान के साथ अपनी-अपनी मुद्रा में व्यापार करने की सुविधा नहीं मिली थी। उन्होंने शिंजो आबे के साथ टोक्यो में सहयोग समझौते की श्रृंखला की घोषणा करने के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर कर अपने दौरे को ऐतिहासिक बना दिया। मुद्रा अदला-बदली सौदा समझौते पर हस्ताक्षर होने से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में विदेशी मुद्रा से लेकर पूजी बाजरों में अधिक स्थिरता आएगी।
मुख्य बिंदु
* भारत के पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे ने 75 बिलिनय मुद्रा अदला-बदली समझौते पर किए हस्ताक्षर
* जापान के साथ भारत ने कूटनीति ही मजबूत नहीं की है बल्कि अर्थनीति भी मजबूत की है
* मोदी सरकार ने जापान के साथ पिछले समझौते से 25 बिलियन अधिक मुद्रा स्वैप सौदे पर समझौता किया है
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दैरान हुए इस समझौते के उद्देश्य पहले ही निर्धारित था। दोनों देशों के शासनाध्यक्ष ने अपने संयुक्त बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच वित्तीय और आर्थिक सहयोग बढ़ेगा।
गौर हो कि भारत और जापान के बीच 50 बिलियन का जो मुद्रा अदला-बदली सौदे पर समझौता हुआ था वह समाप्त हो गया था। मोदी ने जो अब दोनों देशों के बीच समझौता किया है वह पहले से 25 बिलियन बढ़ाकर किया है। इससे दोनों देशों में परस्पर विश्वास भी झलकता है। इससे आर्थिक रूप से विश्वास बढ़ने के साथ कूटनीतिक रूप से भी विश्वास बढ़ेगा। इस समझौते के बाद मुद्रा संकट के मामले में रुपये के लिए खरीददार की गारंटी रहेगी। इस समझौते से भारत को जापान से अमेरिकी डॉलर उधार लेने में मदद मिलगी तथा उसे अपनी मुद्रा यानि रुपये में चुकाने का विकल्प होगा।
जापान दौरे पर गए मोदी ने अपने समकक्ष शिन्जो आबे से द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चाएं कीं। उन्होंने भारत -प्रशांत क्षेत्र में और अधिक सहयोग पर भी चर्चा की। इस अवसर पर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भारत-जापान संबंधों के मूल महत्व को रेखांकित करते हुए भारत-जापान संबंधों को नए युग में ले जाने का संकल्प किया। ताकि भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति स्थायित्व और समृद्धि के लिए हमेशा सहयोग किया जा सके।
वहीं अपने संयुक्त बयान के दौरान मोदी ने कहा कि विश्व के नेताओं ने विश्व में शांति तथा स्थायित्व को प्रोत्साहित करने के लिए काम करने के उद्देश्य से अपने विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों के बीच दो जमा दे वार्ता करने पर सहमति व्यक्ति की थी, लेकिन अभी तक सिर्फ हम दोनों देशों के बीच ऐसा हो पाया है। क्योंकि भारत और जापान के बीच ही “दो जमा दो” स्तर की वार्ता हो पाई है।
URL: India and Japan seal 75 billion dollars currency swap deal
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