भारत डेनमार्क के डिजिटल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने चीन पर निशाना साधा. हालांकि प्रधानमंत्री ने अपनी टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह बात स्पष्ट है कि उनका सीधा इशारा चीन की तरफ था.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोरोना वायरस (COVID-19) ने हमें दिखाया है कि वैश्विक आपूर्ति (Global Supply Chain) के लिए किसी एक स्रोत पर निर्भरता जोखिम भरी है’. उन्होने आगे कहा कि भारत आस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर आपूर्ति श्रंखला में विविधता लाने की दिशा में काम कर रहा है और इस पहल का हिस्सा बनने के लिये समान विचारधारा वाले देशों का स्वागत करता है.
तो बात स्पष्ट है. प्रधानमंत्री मोदी का सीधा इशारा चीन की तरफ ही था. क्योंकि वैश्विक सप्लाई चेन में प्रमुख स्थान चीन का ही है. और कोरोना वायरस के बाद से विश्व के सभी देश चीन के आयातों अर अपनी आत्मनिर्भरता कम करने के बारे में गम्भीरता से विचार कर रहे हैं. साथ ही अपनी कंपनियों को भी चीन से रीलोकेट कर कहीं और अपना बेस बनाने के लिये हर तरह का आर्थिक प्रोत्साहन भी दे रहे हैं.
इस महीने की शुरूआत में ही भारत, आस्ट्रेलिया और जापान ने आपूर्ति श्रंखला में लचीलापन लाने के लिये एक साथ आने की घोषणा की थी.
भारत डेनमार्क शिखर सम्मेलन के दौरान डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने यह भी कहा कि शिखर सम्मेलन दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिये खासा महत्वपूर्ण है और उनकी आपसी कूटनीतिक सांझेदारी के लिये एक मील का पत्थर साबित होगा.
भारत और डेनमार्क भारत – नार्डिक देशों के दूसरे शिखर सम्मेलन के लिये भी सहमत हुए हैं. इस तरह का पहला शिखर सम्मेलन 2018 में स्टांकहोम में हुआ था.