देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने म्यांमार से घुसपैठ कर भारत आए रोहिंग्या मुसलमानों को अपने यहां बसाने के लिए बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना को और भी मदद देने की पेशकश की है। इसके साथ ही सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ संरचनात्मक सहयोग के लिए शेख हसीना की सराहना की है। रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में आने से रोकने के लिए ही इस तरह का कदम उठाया गया है। बांग्लादेश के अपने दौरे के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह पहल की है।
मुख्य बिंदु
* बांग्लादेश होकर रोहिंग्याओं को भारत में आने से रोकने के लिए ही की जा रही है मदद
* बांग्लादेश दोरे के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने की प्रधानमंत्री हसीना की सराहना
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत ने बांग्लादेश को इस प्रकार की मदद की पेशकश मानवीय आधार पर की है। ताकि म्यांमार के रखाइन प्रांत से उजड़कर बांग्लादेश में शरण लेने वाले रोहिंग्याओं की मदद की जा सके। म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमान पूरे बांग्लादेश में जगह-जगह कैंपों में रह रहे हैं। बांग्लादेश से होते हुए ही कई हजार रोहिंग्या मुसलमान भारत में घुस आए हैं। रोहिग्याओं को भारत में आने से रोकने के लिए ही भारत बांग्लादेश को हर प्रकार की मदद करने को तैयार है। बांग्लादेश के कैंपों में रहने वाले रोहिग्याओं के लिए ही खाद्य पदार्थ, राहत सामग्री तथा दवा भेजे जा रहे हैं।
रोहिंग्याओं को भारत आने से रोकने के लिए न केवल बांग्लादेश को हर प्रकार की मदद दी जा रही है बल्कि रखाइन प्रांत में ही उसके पुनर्वास के लिए घर बनाए जा रहे हैं। ताकि भारत और बांग्लादेश में अवैध रूप से रह हे रोहिंग्याओं को फिर से वहीं बसाया जा सके। राजनाथ ने कहा है कि रोहिंग्याओं के नाम पर बांग्लादेश को दी जा रही मदद मानवीय आधार पर की जा रही है। इसके साथ ही भारत कूटनीतिक रूप से भी इस मामले में म्यांमार से बातचीत कर रहा है। अगर एक बार आपसी सहमति और सौहार्द्रपूर्ण तरीके से रोहिंग्याओं के निर्वासन पर बातचीत सफल हो जाती है तो फिर भारत से आसानी से रोहिंग्याओं का निर्वासन संभव हो पाएगा। उस स्थिति में रोहिंग्याओं को वही घर दिए जाएंगे जो अभी भारतीय योजना के तहत घर बनाए जा रहे है।
अपने दौरे के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से सिंह ने रोहिंग्याओं की समस्याओं के अलावा आतंकवाद तथा कट्टरपंथ पर भी चर्चा की। बातचीत के दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत दिखे कि आतंकवाद से प्रभावित इस क्षेत्र के सभी देशों को मिलकर आतंकवाद जैसी समस्याओं का सामना करना चाहिए। हालांकि दोनों नेताओं में से किसी ने भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया लेकिन दोनों का निहितार्थ पाकिस्तान ही था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों नेता इस पर सहमत दिखे कि अगर इस्लामाबाद खुद आतंकवाद से निपटने में असफल होता है तो नई दिल्ली और ढाका को मिलकर आतंकवाद से पार पाने में पाकिस्तान की मदद करनी चाहिए। अपने दौरे के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शेख हसीना को उनके नेतृत्व में बांग्लादेश की शानदार आर्थिक प्रगति के लिए बधाई दी है।
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