निजी क्षेत्र में आरक्षण के नाम पर इंडियन एक्सप्रेस तथा टाइम्स नाउ जैसे बड़े मीडिया हाउस फेक न्यूज प्रचारित करने में जुट गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने निजी कंपनियों में आरक्षण को लेकर पीएमओं में हुई बैठक का हवाला देते हुए एक महीने पहले एक खबर प्रकाशित की थी। उसी खबर को नए सिरे से स्टोरी का रूप देकर अब टाइम्स नाउ ने अपनी वेबसाइट में प्रकाशित किया है ताकि आगामी चुनावों में मोदी सरकार के खिलाफ सवर्णों में रोष पैदा किया जा सके। ज्ञात हो कि मीडिया प्रपंच की वजह से बिहार विधानसभा चुनाव में मिली सफलता को देखते हुए एक बार फिर चार राज्यों में होने वाले चुनावों के मद्देनजर देश भर में फेक न्यूज़ को प्रचारित-प्रसारित करने का षड्यंत्र रचा जाने लगा है।
मालूम हो कि संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आरक्षण पर फिर से विचार करने की बात कही थी। लेकिन आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव तथा मीडिया ने उनके बयान को आरक्षण को ही खत्म करने में बदल दिया। भागवत के उस बयान आरक्षण खत्म करने वाला बताकर इतना तूल दिया गया कि विधानसभा चुनाव में अनायास लालू यादव को लाभ मिल गया। लगता है देश का मीडिया एक बार फिर उसी वाकया को दोहराना चाहता है।
मुख्य बिंदु
* इस बार मीडिया का एक तबका भाजपा और मोदी सरकार को सवर्ण विरोधी साबित करने में जुटी है
* जिस पीएमओं में हुई बैठक का हवाला दिया गया है दरअसल वह बैठक कौशल विकास को लेकर हुई थी
Media chicanery! @TimesNow has merely reworked an @IndianExpress story of last month. There was no talk of reservation in the meeting at PMO. All that the secretaries said was this: Skill development of SCs/STs would enhance their chance of getting jobs in the private sector. https://t.co/zm4KJR2bAv
— Surajit Dasgupta (@surajitdasgupta) October 4, 2018
मीडिया ने इस बार पीएमओ के माध्यम से सीधे पीएम को घेरना शुरू किया है। इंडियन एक्सप्रेस ने निजी कंपनियों में आरक्षण को लेकर पीएमओं में हुई बैठक का हवाला देते हुए एक महीने पहले खबर प्रकाशित की थी। जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है उस सच्चाई के बारे में वरिष्ठ पत्रकार सुरजीत दासगुप्ता ने अपने ट्वीट में इसका खुलासा किया है। उन्होंने लिखा है कि “मीडिया प्रपंच कर कर रहा है, पीएमओ में हुई बैठक में आरक्षण पर कोई बात ही नहीं हुई थी। पीएमओ में एससी/एसटी के कौशल विकास से निजी क्षेत्र में नौकरी पाने का मौका बढ़ जाने के विषय में चर्चा हुई थी!लेकिन मीडिया ने इसको निजी क्षेत्र में आरक्षण के रूप में प्रसारित किया”।
टाइम्स नाउ तथा इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी स्टोरी में जिन सचिवों के हवाले से स्टोरी लिखी है असल में उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण को लेकर कोई बात नहीं कही थी। उन्होंने सिर्फ कौशल विकास को लेकर बात की थी। उन्होंने कहा कि एससी/ एसटी के कौशल विकास से निजी क्षेत्र में नौकरी पाने का मौका बढ़ जाएगा। टाइम्स ने फेक न्यूज के तहत लिखा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिसंबर 2018 तक निजी क्षेत्र से अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधियों का डाटा मंगवाया है। जबकि इसमें कोई सच्चाई नही है।
असल में इस बार मीडिया भाजपा और मोदी सरकार को सवर्ण विरोधी साबित करने में जुट गई है। इसी कारण इस प्रकार का प्रपंच किया जा रहा है।
URL: Indian Express and Times Now spread out ‘Fake News’ in the name of reservation in private sector
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