अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने जो डिक्लासिफाइड डक्यूमेंट जारी किया है। आपने नोट किया कि इंडियन एक्सप्रेस ने केवल कांग्रेस के हित में सेलेक्टिव डक्यूमेंट पर राजीव गांधी को हाइड्रोजन बम की थिंकिंग रखने वाला महान राजनेता दर्शाने वाले हिस्से को खबर में तब्दील किया है और इसे ही सारी मीडिया ने चलाया है!
संपादक राजकमल झा की यह बौद्धिक बेईमानी है! यही आदमी पीएम मोदी को अपमानित करने के लिए कह रहा था कि गोयनका जी ने एक मंत्री द्वारा तारीफ करने पर भी अपने रिपोर्टर को निकाल दिया था! चुनाव से पहले यह संपादक खुल कर कांग्रेस के हित में बौद्धिक बेईमानी पर उतर आया है! इन्हें कौन निकालेगा?
कल पूरी रात मैं CIA के डक्यूमेंट का अध्ययन कर रहा था। अभी भी काफी पढ़ना बांकी है। जितना पढ़ा है, उसी में कांग्रेस-कम्युनिस्ट पार्टी और उसके कई नेताओं को लेकर इसमें बड़े खुलासे हैं। CIA ने इंदिरा-राजीव काल में कांग्रेस-कम्युनिस्ट को सोवियत संघ से होने वाली फंडिंग को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं, लेकिन इंडियन एक्सप्रेस और अन्य मीडिया से ये खबरें गायब हैं। लेकिन मैं चुप नहीं बैठूंगा!
रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी के दस्तावेज ‘मित्रोखिन अरकाइव’ के रूप में पहले से उपलब्ध हैं। नेहरू काल में कांग्रेस-कम्युनिस्टों को लेकर CIA एवं KGB के दस्तावेज पर आधारित कई खुलासे आपने मेरी कम्युनिस्टों पर तीन खंडों की श्रृंखला के पहले खंड ‘कहानी कम्युनिस्टों की’ में पढ़ा है। दूसरे खंड में राजीव-इंदिरा काल पर और भी बड़े खुलासे पढ़ने को मिलेंगे।
हां, बिना पहले खंड को पढ़े, आप दूसरा खंड नहीं समझ पाएंगे। देश की सत्ता एक चक्रव्यूह की तरह चलाई गयी है, इसलिए उसे समझना इतना सरल नहीं रहा है। मैं सरल हिंदी में आपको समझाने की कोशिश करने में जुटा हूं। पहले खंड के प्रति लोगों के उत्साह को देखने के बाद मैं दूसरे खंड को जल्द लिखने की भरपूर कोशिश करूंगा! आप भी तब तक पहला खंड पढ़कर पूरा कर लीजिए, तभी दूसरा खंड पढ़ने में रुचि जगेगी।