भारत सरकार ने ब्रिटिश उच्चायोग की मांग पर उनके राजनयिकों को अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के मुख्य आरोपी क्रिश्चियत मिशेत तक पहुंचने की सुविधा मुहैया करा दी है। ब्रिटिश राजनयिकों को मिशेल से मिलने की यह सुविधा भारतीय विदेश मंत्रालय ने उपलब्ध कराई है। यह जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दी है। मालूम हो कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदा घोटाला मामले में क्रिश्चियन मिशेल को यूएई के कोर्ट से प्रत्यारोपित कर लाया गया था। मिशेल पर इस सौदे में 3600 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है। मिशेल अभी तिहाड़ जेल में बंद है।
दिसंबर में यूएई से प्रत्यारोपित कर भारत लाए गए मिशेल तक पहुंच के लिए ब्रिटिश उच्चायोग ने भारत के विदेश मंत्रालय से मांग की थी। भारत सरकार ने इस मामले में ब्रिटिश उच्चायोग को पिछले गुरुवार को ही यह सुविधा दे दी थी।
गौरतलब है कि जब से प्रत्यारोपित कर मिशेल को भारत लाया गया है तब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई बयान नहीं दिया था। लेकिन दो दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान अपने संबोधन में इसका जिक्र किया था। उन्होंने राफेल सोदे को लेकर कांग्रेस पार्टी और अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी घोटालो में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के लिंक होने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए सवाल पूछा कि आखिर मिशेल मामा किस दूसरी कंपनी के लिए लॉबिंग करते थे।
मालूम हो कि मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर आई है कि क्रिश्चियन मिशेल राफल विमान के खिलाफ यूरोफाइटर कंपनी से डील करने की लाबिंग कर रहा था। यही कारण था कि कांग्रेस ने 12 साल तक बातचीत करने के बाद राफेल फाइटर विमान के लिए सौदा पक्का नहीं किया था।
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