विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार ने 25 मार्च को बहुत ही साहसिक और अभूतपूर्ण निर्णय लेते हुये भारत में ‘ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन’ खोलने का फैसला लिया। इस सेंटर को खोलने के लिये भारत सरकार 250 मिलियन डॉलर का सहयोग दे रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य विश्व प्रचलित विभिन्न प्रकार के मेडिसिन सिस्टम में मॉडर्न साइन्स और टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर समूचे विश्व में मानव एवं पृथ्वी के स्वास्थ्य को सुचारू बनाना है। अतः यह महज एक स्वास्थ्य सिस्टम नहीं अपितु पूरी दुनिया यानि कि समूचे हैबिटैट को स्वस्थ करने का प्रयाण है।
अनुमानतः विश्व की 80% जनसंख्या ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम का प्रयोग करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के 194 सदस्यों में से 170 सदस्यों ने इस बात की पुष्टि की है और उनकी सरकारों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से सहयोग मांगते हुये एक विश्वसनीय संस्था बनाने का आग्रह किया है। जिसके लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को चयनित किया। इसका श्रेय माननीय प्रधान मंत्री मोदी जी की दूरगामी, विकासशील एवं भारत को विश्व गुरू बनाने की सोच को जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर टेड्रॉस के अनुसार आज भी करोड़ों लोग अधिकाँश बीमारियों में प्राथमिक चिकित्सा के रूप में ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम का प्रयोग करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के उदेश्य को दोहराते हुये उन्होने यह भी कहा कि सभी को सुरक्षित एवं प्रभावशील इलाज उपलब्ध कराना विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्राथमिक ड्यूटी है और यह नया सेंटर वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग कर ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम को सुरक्षित एवं लाभप्रद साबित करने का प्रयास करेगा। उन्होने भारत का आभार व्यक्त करते हुये इस प्रयास की सफलता की कामना की।
ट्रेडीशनल मेडिसिन के अंतर्गत समूचे विश्व के विभिन्न समुदायों द्वारा विकसित आज तक का सम्पूर्ण स्वास्थ्य ज्ञान, पद्धतियां, डायग्नोसिस एवं इलाज समाहित होगा। इसके दायरे में विश्व की प्राचीनतम स्वास्थ्य पद्धतियां आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर, एक्युपंक्चर से लेकर मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम, होम्योपैथी, ज़ायरोपैथी सभी सम्मिलित होंगे। सभी को यह जानकर आश्चर्य होगा हमारे नेशनल हेल्थ सिस्टम में ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम के लाखों कार्यकर्ताओं, उनसे जुड़े कोर्स तथा स्वास्थ्य सुविधायें एवं व्यय सही तरीके से नहीं जुड़ पाये।
यह बहुत ही सुखद है कि हमारे देश को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम (जी सी टी एम) का मेज़बान देश बनाया गया है। आयुष मंत्रालय एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के बीच जामनगर (गुजरात) में – डब्ल्यूएचओ-जी सी टी एम का मुख्यालय बनाने का ऐतिहासिक निर्णय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयास का परिणाम है।
भारत सरकार विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से लोगों को सस्ती प्रिवेंटिव एवं क्यूरेटिव स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इसलिए उम्मीद की जाती है कि जामनगर में बनने वाला ग्लोबल हेल्थ सिस्टम समूचे विश्व को अच्छी स्वास्थ्य उपलब्ध करायेगा।
वैसे तो मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम में ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम की आज भी लगभग 40% भागीदारी है परन्तु इसके बावजूद भी इनका इन्टीग्रेशन नहीं हो पाया। उदाहरण के लिए एस्पिरीन की खोज विलो पेड की छाल से हुई, गर्भनिरोधक गोलियों की खोज जंगली याम प्लांट की जड से और बच्चों के कैंसर का इलाज रोजी पेरीविन्कल से तथा मलेरिया कंट्रोल करने के लिए आर्टिमिजिनिन की खोज जिसे नोबेल पुरस्कार मिला, वह चाइनीज मेडिसिन सिस्टम की लेखन पर आधारित था।
WHO establishes the Global Centre for Traditional Medicine in India
ट्रेडीशनल मेडिसिन को समझने के लिए आधुनिक तकनीक का बहुत तेजी से प्रयोग हो रहा है। एविडेन्स, ट्रेन्ड तथा फॉरमैकोकाइनेटिक गुणों की जानकारी हेतु आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम में ब्रेन से संबंधित थिरैपी तथा योगा द्वारा मानसिक बीमारियों में ब्रेन की गतिविधियों, तनाव तथा ब्रेन रिलैक्सेशन को मॉनीटर करने के लिये मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम को आगे बढाने के लिए मोबाइल ऐप, ऑनलाइन क्लासेज एवं अन्य तकनीक का भी प्रयोग किया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जामनगर, गुजरात में स्थापित किये जा रहे इस सेंटर को इस प्रकार बनाया जा रहा है कि संसार के किसी भी भाग में मौजूद हर एक सिस्टम को इसका लाभ मिल सके।
यह संस्था ठोस मानकों तथा तथ्यों के आधार पर विश्व में प्रचलित विभिन्न ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम के लिए पॉलिसी निर्धारण का काम करेगी, जिससे इन्हें सभी देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों में समाहित कर इनकी क्वालिटी एवं सेफ्टी को रेगुलेट किया जा सके और इसे विश्व की सर्वश्रेष्ठ एवं स्थाई स्वास्थ्य प्रणाली बनाया जा सके।
सामरिक दृष्टि से यह सेंटर निम्न चार बातों पर केंद्रित होगा- (1) एविडेन्स एंड लर्निंग (2) डाटा एंड एनालिटिक्स (3) सस्टेनेबल एंड इक्विटी (4) इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी जिससे ट्रेडीशनल मेडिसिन सिस्टम की भागीदारी को ग्लोबल हेल्थ और सस्टेनेबल डेवलपमेंट में बढाया जा सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग्लोबल हेल्थ सेंटर का जामनगर, गुजरात में 21 अप्रैल 2022 को उद्घाटन होना सुनिश्चित हुआ है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत को विश्व गुरू बनाने का सुनहरा अवसर प्रदान होगा।
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