प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार की विदेश नीति भी काफी प्रभावी रही है। वह चाहे पाकिस्तान को दुनिया से दरकिनार करना रहा हो या फिर चीन के साथ आंख से आंख मिलाकर समानता के आधार पर बात करना हो। मोदी के इंडोनेशिया यात्रा को लेकर चीन चीन खुश नहीं है, फिर भी मोदी ने न केवल इंडोनेशिया का दौरा किया बल्कि हिंद महासागर में दोनो देशों के सहयोग से इंडोनेशियाई नौसेना पोर्ट बनाने पर सहमति जताई है। इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी। मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के बीच जकार्ता में हुई द्विपक्षीय बातचीत के दौरान सबांग में आर्थिक गलियारे के विकास करने पर विस्तार से चर्चा भी हुई है। दोनों देशों के बीच सबसे महत्वपूण चर्चा जो हुई, वह है रक्षा और समुद्री सहयोग के मामले में आगे बढ़ना।
मुख्य बिंदु
* जकार्ता में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो और मोदी के बीच हुई के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता
* राष्ट्रपति जोको ने मोदी से सबांग में आर्थिक गलियारे के विकास पर भी विस्तार से चर्चा की
चार दिन की विदेश यात्रा के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले दिन इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मिले। जकार्ता में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के दौरान जोको ने सुमात्रा आइसलैंड के मुहाने पर सबांग में आर्थिक गलियारा बनाने के बारे में विस्तार से चर्चा की। यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार के लिए बहुत महत्व रखता है। क्योंकि यह वैश्विक व्यापार के सबसे व्यस्ततम रास्तों में से एक है। अगर भारत के सहयोग से यहां आर्थिक गलियारा बन जाता है तो फिर भारत वैश्विक व्यवसाय में अहम भूमिका निभाना शुरू कर देगा। चीन शायद इसी बात को लेकर मोदी के इंडोनेशिया यात्रा को लेकर सहज नहीं है।
प्रेसिडेंसियल पैलेस में मोदी के साथ बातचीत के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि भारत हमारा रणनीतिक रक्षा साझीदार है। और हम लोग लगातार आधारभूत संरचनाओं को और मजबूत तथा विकसित करने के लिए अपने सहोयग को बढ़ाते रहेंगे। वो चाहे सबांग आइसलैंड हो या फिर अंडमान आइसलैंड।
गौरतलब है कि विवादित दक्षिणी चीनी सागर को लेकर दक्षिणीपूर्वी एशिया के देशों के बीच तनाव रहे हैं। इस इलाके के व्यस्ततम रास्ते के अधिकांश भाग पर चीन ने अपना दावा कर रखा है। जबकि इस इलाके पर ब्रून, मलेशिया, फिलीपींस, तैवान तथा वियतनाम ने भी इस क्षेत्र पर अपना दावा किया हुआ है। मालूम हो कि इस इलाके से तीन ट्रिलियन डॉलर के माल की आवा-जाही होती है। हालांकि इस पर इंडोनेशिया ने कभी दावा नहीं किया है लेकिन वह इस इलाके में मछली मारने को लेकिर उसका चीन से विवाद होता रहता है। इसके साथ ही चीन ने उसके इलाके में अपना रक्षा बेस बनाकर उसकी संप्रभुता का हनन कर रहा है। अब जब मोदी ने पहली बार सबसे अधिक मुसलिम आबादी वाले इंडोनेशिया की यात्रा की है। मोदी की यह यात्रा फिर से भारत की कूटनीतिक विस्तार के रूप में देखी और परखी जाएगी।
URL: Indonesia, India Plan to Develop Strategic Indian Ocean Port
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