नई दिल्ली । सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता (youtube व वेबसाइट पत्रकारिता) के पंजीकरण व डिजिटल पत्रकारिता संबंधित न्यायाधिकरण / प्राधिकरण/ संभाग के निर्माण के संबंध में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर एवं डिजिटल प्लेटफार्म पर पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की बैठक दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुई।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों व श्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में पत्रकारों ने रोजमर्रा की कठिनाइयों, DAVP की शर्तों व समय समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (कम्पनियों ) द्वारा किए जा रहे अनुचित व्यवहार पर मंत्रालय स्तर पर कार्यवाई करने की मांग की। उपस्थित पत्रकारों में बड़ी संख्या का अनुरोध था कि एक संस्था का निर्माण कर डिजिटल पत्रकारिता को मुख्य धारा से जोड़ने हेतु पंजीकृत किया जाए। सोशल मीडिया कम्पनियों द्वारा वीडियो अथवा वेबसाइट की खबरों विमुद्रीकृत (demonetized) करने की शिकायत दर्ज करवाई गई व मांग किया गया कि भारत सरकार इन कम्पनियों पर नियंत्रण रखने हेतु आवश्यक कदम उठाए।
फेक न्यूज व भ्रामक प्रचार करने वाले कथित पत्रकारिता पर रोक लगाने हेतु सरकार को कड़े कदम उठाने की भी मांग की गई। बैठक में फेक्ट चेक के नाम भ्रामक खबरें प्रस्तुत करने वाली प्राइवेट संस्थाओं के विनियमन को लेकर भी बात हुई
DAVP द्वारा तय किए गए प्रचार हेतु आर्थिक मानदेय के नियम व शर्तों को सरलीकरण कर ऐसे मानक तय करने की मांग भी की गई इसके अंतर्गत डिजिटल पत्रकारिता के संस्थाओं को भी इससे लाभ मिल पाए। पत्रकारों ने केंद्रीय मंत्री का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट करवाया कि अभी तय मानक सिर्फ उन्हीं संस्थाओं के हित में है जो पारंपरिक रूप से समाचार पत्र अथवा पत्रिका निकाल रहे हैं और डिजिटल पत्रकारिता की ओर भी बढ़ रहे हैं।
कतिपय नियम व शर्तों का लाभ उन पत्रकारों अथवा संस्थाओं को नहीं मिल पा रहा जो मुख्यतः डिजिटल पत्रकारिता कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री को सुझाव दिया गया कि पारंपरिक पत्रकारिता के नियम व शर्तों को डिजिटल पत्रकारिता पर थोपे जाए। इसके लिए अलग नियम तय हो।
सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता अथवा डिजिटल पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों की मुख्य मांगों यथा पंजीकरण, डिजिटल पत्रकारिता की कठिनाइयों को दूर करने हेतु संस्था व पारंपरिक पत्रकारिता से इतर अलग नियम व शर्तें व आर्थिक मदद करने के साथ साथ भारत सरकार के कार्यक्रमों को कवर करने हेतु प्रवेश करने देने की भी मांग को गई।
लगभग दो घण्टे चली इस बैठज मे इन सभी विषयों पर मंत्रालय स्तर पर कार्य करने का भरोसा दिया है। केंद्रीय मंत्री द्वारा विभाग के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर पुनः एक बार पत्रकारों के साथ बैठक करने की बात कही गई।
बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने बताया कि हमें आशा है कि हमारे सुझावों के अनुरूप एक प्राधिकरण/ न्यायाधिकरण / आयोग अथवा मंत्रालय स्तर पर किसी संस्था का निर्माण कर व सोशल मीडिया आधारित पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को पंजीकृत कर ऐसे पत्रकारों के भविष्य को लेकर केंद्र सरकार कोई सार्थक कदम उठाएगी।