सड़कों पर नंगे पांव हाथ में कटोरा पकडे छोटे छोटे बच्चे हमें हर सड़क पर भीख मांगते दिख जाते हैं,दया वश हम कभी एक आध रूपया दे देते हैं या फिर झिड़क देते हैं किन्तु उनकी मदद को कभी आगे नहीं आते,प्रतिष्ठा संस्थान की फाउंडर मेंबर सोहिनी इसे अपने लिए चुनौती मानते हुए अलग नजरिये से देखती हैं भारत जैसे देश में जहाँ प्रारंभिक शिक्षा पाना सबका मौलिक अधिकार है वहां भारत के भविष्य का एक बड़ा तबका इन सभी अधिकारों से वंचित है, प्रतिष्ठा संस्थान ऐसे बच्चों के लिए प्रयासरत है. इनकी पढ़ाई और बेहतर कल के लिए कार्य करते हुए इनका स्कूल में दाखिला करवा रहा है, इस प्रयास के तहत अब २०१४ से लगभग २० बच्चों के हाथों से कटोरा निकाल, किताबें थमा कर सुनिश्चित कर रहा है की वह रोज स्कूल जायें. पड़ा लिखा आज ही एक बेहतर कल का निर्माण कर सकता है ऐसा प्रतिष्ठा संस्थान का मानना है.
प्रतिष्ठा संस्था के द्वारा महिलाओं और बच्चों में आत्मविश्वास जगाना इनका मूल मंत्र है. युवतियों व महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो इसके लिए हरियाणा के झज्जर में निशुल्क ब्यूटीशन प्रशिक्षण इनके द्वारा दिया जा रहा है १४ साल से ४० साल तक की लगभग ४० महिलाओं को यह संस्था प्रशिक्षण दे चुकी हैं ताकि महिलायें स्वाभिमान के साथ अपना जीवन निर्माण कर सकें.
एम.सी.डी सिविल लाइन के अन्तर्गत आने वाले नगर निगम के विद्यालयों में अपने आत्मविश्वास मिशन के द्वारा ये एक कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं जिसकी अनुमति पत्र नगर निगम शिक्षा विभाग ने स्वीकृत किया है.