मोनिका।आलाकामन राहुल गांधी हर हाल में मोदी को पीएम से हटाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, यही वजह है कि उन्होंने प्रदेश की जिम्मेदारी अपने सबसे तजुर्बेकार नेता शीला दीक्षित को यह काम सौंपा है, ताकि कांग्रेस देश की राजधानी में फिर से अपना वजूद खड़ा कर सके। लेकिन, वास्तिवक हालात यह है कि पार्टी के भीतर सिर फुटौव्वल शुरू हो चुका है। गुटबाजी फिर से सिर उठाने लगा है। जो उम्मीद शीला के पदभार के बाद दिखा था, अब उसमें भी दरार दिखने लगी है।सबसे बड़ी दरार पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी व प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा ने डाल दी है, उन्हें जिस प्रकार शीला ने चुनाव के लिए बनाई गई कमेटी से किनारा किया उसे शर्मिष्ठा बर्दास्त नहीं कर पाईं और उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के पद से रिजाइन कर दिया, और फिर उनके ऊपर लगा अजय माकन गुट का ठप्पा और गहरा गया।
अजय माकन ने भले ही प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा देकर खुद को दूर कर लिया हो, लेकिन उन्होंने जो टीम तैयार की थी वह अभी भी एक्टिव है। कांग्रेस में हमेशा गुटबाजी का खेल चला है, जिसके पास पावर आती है वह अपनी टीम में अपने लोगों को तवज्जो देते हैं, उन्हें पद से सुशोभित करते हैं। इसी लालच में नेता प्रदेश की अगुवाई करने वाले के इशारे पर नाचते हैं, ताकि जब उनका समय आएगा तो उनका भी एक दिन नंबर आएगा। ठीक इसी परिभाषा पर शीला दीक्षित भी काम कर रही हैं, जो शर्मिष्ठा मुखर्जी प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता थी, उन्हें ही चुनाव के लिए गठित मीडिया कमेटी में जगह नहीं दी गई और जो केवल प्रवक्ता थे, उन्हें कमेटी का चेयरमैन बना दिया गया, क्योंकि चेयरमैन शीला के पुराने हमदर्द जो हैं।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है, हर किसी को अपनी जगह चाहिए और पहले से काम करे पर गुटबाजी का तमगा लगाकर हटाने का काम जारी है। इसी क्रम में प्रदेश कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया के चेयरमैन अनिरुद्ध शर्मा को पद से हटा दिया। इस पर अनिरुद्ध ने ट्वीट कर लिखा कि आज एक कार्यकर्ता बाल रहा था, कुछ लोगों के व्यवहार, घमंड और कार्यकर्ताओं की अनुसनी के कारण पार्टी दिल्ली में जीरो हो गई थी, फिर जब माकन जी ने जमीनी कार्य करे और सबको जोड़कर मान सम्मान दिया और पार्टी बीजेपी को टक्कर देने की स्थिति में आ गई तो घमंडी गैंग ने फिर गुटबाजी शुरू कर दी है।
अनिरुद्ध ने अपने ट्वीट से जहां एक तरफ यह बात कबूल किया है कि पार्टी के अंदर गुटबाजी फिर से शुरू हो गई है वहीं उन्होंने खुद को माकन का हितैषी भी साबित कर लिया है। वहीं सूत्रों का कहना है कि अनिरुद्ध को हटाए जाने के पीछे भी यही तर्क है कि उसे अजय माकन लेकर आए थे, यानि सत्ता बदलते ही पार्टी के अंदर ऊपर से नीचे तक परिवर्तन अनिवार्य है और आज जब पार्टी दिल्ली जैसे शहर में अपने वजूद के लिए लड़ाई लड़ रही है बावजूद नेता सिर फुटौव्वल से बाज नहीं आ रहे हैं। अगर यही हालात चुनाव में कांग्रेस की जमीन फिर खाली रह सकती है।
URL: Insulting inside Delhi Congress, worry over ego more than victory!
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