अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की सुसाइड से सम्बंधित राजों से धीरे-धीरे पर्द उठता हुआ दिख रहा है! अरुणाचल के पूर्व सीएम कलिखो पुल की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिख कर न्यायपालिका पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है! यह आरोप अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने के सम्बन्ध में है! जिसमें न्यायपालिका के साथ-साथ प्रशासन की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाये गए हैं! आपको बता दूं कि कुछ दिन पूर्व पुल की आत्महत्या से सम्बंधित नोट मीडिया में सार्वजनकि हुए था। नोट में कई नेताओं के अलावा कुछ जजों पर जताते हुए घूस मांगने के आरोप लगाए है।
कांग्रेस की नुवाम तुकी सरकार के खिलाफ बगावत कर 2015 में कलिखो पुल अरुणांचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन लगभग 140 दिन सत्ता में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अरुणांचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाते हुए कहा था कि “तुकी सरकार की बर्खास्तगी संविधान के अनूकूल नहीं थी!” हालाँकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रश्चिन्ह नहीं खड़े कर सकते लेकिन कलिखो पुल द्वारा लिखे सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उनके पक्ष में मोड़ने के लिए उनसे भारी भरकम पैसों की मांग की गयी थी!
एक वेब साइट ने कलिखो पुल के नोट के कुछ हिस्से सार्वजनिक करते हुए लिखा है कि “मुझसे और मेरे करीबियों से कई बार संपर्क किया गया कि अगर मैं रुपये देता हूं तो फैसला मेरे हक में दिया जाएगा। मैं एक आम आदमी हूं, मेरे पास न उस तरह पैसा है, न ही मैं ऐसा करना चाहता हूं!” एक दूसरी वेबसाइट ने कलिखो पुल की पत्नी का हवाला देते हुए दावा किया है कि “उनके पास कुछ ऐसे दस्तावेज हैं जो उनके द्वारा लगाए गए आरोपो की पुष्टि करेंगे!” पुल की पत्नी ने इस घटना की जांच के लिए सीबीआई की मांग की है!
IndiaSpeaksDaily(ISD) ने पुल की आत्महत्या करने के घटना के बाद अपनी एक पोस्ट में आशंका जताई थी कि बिना किसी गहन जाँच के पुल की ‘मौत’ को ‘आत्महत्या’ घोषित करने के लिए भारतीय मीडिया जल्दबाजी क्यों कर रही है? नीचे लिंक में पढ़िए कि हमने अपनी पोस्ट में क्या कहा था?
कलिखो पुल की संदिग्ध मौत को आत्महत्या साबित करने की जल्दी में क्यों है मीडिया?