अर्चना कुमारी । श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट होगा। पुलिस आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी में है। इस टेस्ट के जरिए पुलिस हत्या से जुड़े राज को आरोपी से उगलवाना चाहती है। पुलिस ने साकेत कोर्ट में अर्जी लगा रखी है, जिसकी मंजूरी मिल गई है।
हालांकि, यह आरोपी के ऊपर तय करेगा कि वह इस टेस्ट से होकर गुजरना चाहता है या नहीं। नार्को टेस्ट कराने से पहले कोर्ट आरोपी की रजामंदी लेगी और आरोपी को मेडिकल के लिए एम्स ले जाया गया है। इस बीच यह भी खबर है कि मामले में सीबीआई की एंट्री हो सकती है हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन इस बीच मीडिया का एक कथित वर्ग अभी से क्लीनचिट देने में जुटा है और उसका कहना है कि न मर्डर वेपन मिला, न श्रद्धा का शव और ऐसे में पुलिस कैसे साबित करेगी कि मर्डर आफताब अमीन पूनावाला ने ही किया।
इसके अलावा इस साइको किलर को पागल या मनोरोगी भी बताने की साजिश चल रही है, इसको लेकर कुछ मनगढ़ंत खबरें को भी प्रसारित किया जा रहा है जबकि पुलिस सूत्रों का भी कहना है कि हत्यारे की स्वीकारोक्ति के अलावा हथियार बरामद करना जांच टीम के लिए चुनौती से कम नहीं है जबकि श्रद्धा के शरीर के एक-एक अंग की तलाश करना, उससे भी बड़ी चुनौती है हालांकि जांच टीमें निराश नहीं है और घटना को लेकर एक-एक तथ्यों को एकत्रित करने में जुटी है।
पुलिस इसके अलावा पूरे मामले को लेकर साइंटिफिक तरीके से गहन जांच कार्रवाई में जुटी हुई है ताकि हत्यारोपी को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके। पुलिस सूत्रों का कहना है कि श्रद्धा हत्याकांड को लेकर हत्यारे आफताब के हत्या के कबूलनामे के अलावा मृत श्रद्धा के शव के कुछ टुकड़े मिले हैं । पुलिस को अब तक मर्डर वेपन के साथ ही श्रद्धा का मोबाइल भी नहीं मिला। इस वजह से पुलिस के पास हत्या को साबित करने के लिए ठोस सबूतों का अभाव है।
लेकिन जानकार बताते हैं बरामद किए गए शव के टुकड़े का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा और उसके पिता के डीएनए से जब उसका मिलान होगा तब हत्यारोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत पुलिस के समक्ष एकत्रित हो जाएगा लेकिन अभी तक हत्या में इस्तेमाल की गई चॉपर ,आरी या चाकू नहीं मिली है और उसकी बरामदगी के लिए पुलिस लगातार छानबीन में जुटी हुई है।
बताया जाता है कि श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने श्रद्धा का मोबाइल फोन फेंक दिया था, जो अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है। लेकिन इस दिशा में भी पुलिस टीमें मोबाइल की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि किसी भी अपराधी या अभियुक्त को सजा दिलाने के लिए कंप्लीट चेन ऑफ इवेंट्स का होना जरूरी होता है और इस दिशा में पुलिस टीमें लगातार काम कर रही है।
सजा देने के लिए संदेह के दायरे से परे पूरा केस पुष्ट होना चाहिए। ताकि संदेह का लाभ अपराधी को नहीं मिले। इसी को मेन बिंदु मानते हुए तेजतर्रार पुलिसकर्मियों की टीम को इस केस की जांच भी लगाया है। पुलिस को अब तक इस जांच को लेकर उस दुकानदार का बयान महत्वपूर्ण साबित होगा जिसके यहां से नया फ्रिज खरीदा गया था जबकि जिस मकान में हत्यारोपी किराए के तौर पर आ रहा था उसने भी महत्वपूर्ण बयान पुलिस को दिए हैं जबकि जहां से हथियार खरीदा गया था उस दुकानदार के भी बयान को रिकॉर्ड किया गया है।
इस बीच एक डॉक्टर में भी पुलिस के समक्ष अपना रिकॉर्ड दर्ज कराया है जिसमें उसने बताया है कि मई के महीने में आफताब हाथ में कटे होने को लेकर इलाज के लिए आया था और उसे उस समय पता नहीं था कि उसने किसी की हत्या कर दी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा पुलिस आफताब को हत्यारा साबित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी एकत्रित कर रही है जबकि यह खुलासा किया गया है कि वह रात के समय शव के टुकड़े फेंकता था।
हालांकी पुलिस अब कितना सबूत अफताब के खिलाफ एकत्रित कर पाती है, यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन यह सच है कि पुलिस के सामने दिए गए बयान की कानूनी अहमियत ज्यादा नहीं होती है। जब तक मजिस्ट्रेट के सामने वो बयान नहीं दिया जाए। पुलिस के सामने दिए गए बयान को अन्य साक्ष्यों या सबूतों के साथ जोड़ना जरूरी है।
साथ ही किसी भी मामले में दो साक्ष्य जो सबसे ज्यादा जरूरी हैं वो हैं पहला हथियार की बरामदगी और दूसरा शव की बरामदगी। क्योंकि शव की बरामदगी के बगैर ये भी पुष्ट कर पाना मुश्किल है कि हत्या हुई है या नहीं हुई है। पुलिस इसके अलावा हत्यारोपी के परिवार के भी तलाश में जुटी है जोकि फरार बताया जाता है। बताया जाता है कि आफताब पूनावाला मुंबई के वसाई का रहने वाला है। आफताब का बड़ा भाई भी है। मां हाउस वाइफ हैं और पिता जूते के होलसेल सप्लायर हैं।