Dayanand Pandey. सारी उछल-कूद के बावजूद कांग्रेस तीन प्रमुख लड़ाई में से दो लड़ाई फ़िलहाल हार चुकी है। तीसरी और अंतिम लड़ाई अभी शेष है। सारे मंकी एफर्ट के बावजूद येदुरप्पा की शपथ वह रुकवा नहीं पाई। दूसरे, प्रोटेम स्पीकर भी वह बदलवा नहीं पाई। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को बच्चा समझ कर बजाने के लिए झुनझुना थमा दिया है। कांग्रेस इस झुनझुने में ही खुश है।
रही बात येदुरप्पा के बहुमत की तो अब उस की औपचारिकता ही शेष है। जैसे सरकार बनाने के लिए किस को बुलाए यह राज्यपाल के विवेक पर होता है वैसे ही विधानसभा में सब कुछ विधानसभा अध्यक्ष के हाथ में होता है। यह बात तो कांग्रेस के लोग भी जानते हैं, क्योंकि बेईमानी, कमीनगी और धूर्तई की कला में कांग्रेस ब्रिटिशर्स से भी आगे रही है।
यह और बात है कि इन दिनों भाजपा उसे मात पर मात दे रही है, क्योंकि यह भाजपा अटल बिहारी वाजपेयी के दौर वाली भाजपा नहीं है कि कहे कि चिमटे से भी ऐसी सरकार को नहीं छुएंगे! कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री गिरिधर गोमांग को बुला कर एक वोट से अटल की सरकार गिरवा चुकी है। अब भाजपा भी कालिदास बन कर विद्योतमा को कुतर्क शास्त्र से पराजित करना सीख गई है।
यह नरेंद्र मोदी वाली भाजपा है, अटल वाली नहीं। कांग्रेस की सारी कुटिल कलाओं को पार करती कुटिलता में बीस बन कर, कांग्रेस को पराजित करती भाजपा। आप कह सकते हैं कि जहर को, जहर मिल गया है! लोहा, लोहे को काट रहा है!
कांग्रेस के लोग जाने क्यों खुशफहमी में हैं। येदुरप्पा अगर बहुमत पा लेते हैं, जैसे भी सही, तो भाजपा का राज है ही! नहीं तो राष्ट्रपति शासन! तो भी भाजपा राज! फिर कुछ दिनों बाद सही कांग्रेसी टूटेंगे, ज्यादा टूटेंगे और फिर जाने येदुरप्पा होंगे कि नहीं पर भाजपा का मुख्य मंत्री होगा। कांग्रेस से ही यह सारी कुटिलता और पैतरेबाजी सीखी है भाजपा ने! लेकिन कांग्रेस यह सब भूल गई है!
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URL: it is Narendra Modi-Amit Shah bjp, not Atal-Advani bjp-1
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