अर्चना कुमारी । हिंदू टेलर कन्हैया लाल की हत्या उदयपुर में सोची समझी साजिश के तहत की गई थी । जिससे भारत में रह रहे बहुसंख्यक समाज के लोगों के बीच दहशत कायम हो। एनआईए सूत्रों का दावा है कि दोनों हत्यारों ने पाकिस्तानी हैंडलर के कहने पर कन्हैया लाल की निर्मम तरीके से हत्या की थी और यह कोई सामान्य हत्या नहीं बल्कि आतंकी हमला है।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि कन्हैयालाल के शरीर पर ताबड़तोड़ मीट काटने वाले चाकू से वार किया गया था और मृतक के शरीर पर करीब घाव के 26 निशान पाए गए है। इनमें से 8 से 10 घाव केवल गर्दन पर ही थे और छाती पर भी 2 से अधिक वार किए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कहा गया है कि कन्हैया लाल का गला रेता गया था जबकि उसके शरीर के लगभग प्रत्येक हिस्से पर चाकू से वार के निशान पाए गए। इस बीच खुलासा हुआ है कि राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल मर्डर केस में दोनों आरोपियों का पाकिस्तान कनेक्शन है और दोनों एक पाकिस्तानी हैंडलर के लिए काम करते थे।
हत्यारों में शामिल आरोपी गौस मोहम्मद साल 2014-15 में 45 दिन कराची में ट्रेनिंग लेकर आया है और उसे चाकू चलाने से लेकर गोला बारूद तक की ट्रेनिंग दी गई थी। उसने ही इस काम के लिए रियाज को मनाया था जो दूसरा हत्यारोपी है । राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पूछताछ में पाया कि साल 2018-19 में गौस मोहम्मद अरब देशों में गया था और वहीं पर उसकी मुलाकात पाकिस्तानी आतंकवादी हैंडलर से हुई थी। गौस मोहम्मद का वहीं पर ब्रेनवाश किया गया तथा भारत में रहते हुए आतंकी हमला किए जाने को उकसाया गया था।
सूत्र बताते हैं कि गौस मोहम्मद बहुत दिनों से आतंकी हमला करने की फिराक में था लेकिन उसे मौका नहीं मिल पा रहा था जबकि नूपुर शर्मा मामले के उजागर होने के बाद उसका अचानक से खून खौल उठा और फिर अपने पाकिस्तानी हैंडलर के कहने पर उसने इस तरह की वारदात को अंजाम दे डाला। पुलिस सूत्रों का दावा है कि गौस पिछले साल नेपाल भी गया था और वहां पर उसकी पाकिस्तानी हैंडलर से मीटिंग हुई थी। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंक विरोधी कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर जांच अपने हाथ में ले लिया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेत्री नुपूर शर्मा मामले में हत्या की धमकी और हत्या का वीडियो आरोपी गौस मोहम्मद ने डाला था और कन्हैया लाल की हत्या के बाद उदयपुर से अजमेर भाग रहे दोनों आरोपी अजमेर में एक और वीडियो बनाकर डालना चाह रहे थे ताकि बहुसंख्यक हिंदू समाज को डराया धमकाया जा सके।
आरोपियों ने खुलासा किया है कि वीडियो बनाने का आइडिया पाकिस्तानी हैंडलर ने दिया था ताकि भारत में रह रहे हिंदू लोगों के बीच जायदा से ज़्यादा दहशत फैले। राजस्थान हुई इस घटना की चौतरफा निंदा की जा रही है जबकि इस बीच खुलासा किया गया है कि गौस दावत-ए-इस्लामी नामक संगठन से जुड़ा हुआ था, इस्लाम के प्रचार के लिए देश-विदेश में सक्रिय संस्था है।
उसने अपने विचारधारा से प्रभावित कई लोगों के साथ मिलकर कई व्हाट्सएप ग्रुप चला रहा था , जिसके नाम अल्लाह के बंदे, लब्बो या रसूलुल्लाह बताया जाता है। इस तरह के ग्रुप में उसने सैकड़ों लोगों को जोड़ रखा था जब की कन्हैया लाल की हत्या के बाद उसने अपने यह वीडियो सबसे पहले इन्हीं ग्रुपों में डाला था। जांच एजेंसी को यह भी पता चला है कि इस लोमहर्षक वारदात के बाद गौस, रियाज़ के मोटरसाइकिल से भाग रहा था, जिसका नंबर 2611 है, जो मुंबई हमले की तारीख है।
दोनों ने पूछताछ में बताया कि आतंकी हमला करने के दौरान बाईक दुकान से कुछ दूरी पर स्टार्ट रखी गई थी। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों भाग कर पहले देवगढ़ मोटर गैराज पर पहुंचे, जहां 6 महीने पहले रियाज काम करता था। इसके बाद दोनों भीम गांव पहुंचे और वहां से राजसमंद जाने के दौरान धर दबोचे गए। इस बीच कन्हैयालाल का कल अंतिम संस्कार कर दिया गया और संस्कार के दौरान लोगों की भारी मौजूदगी थी। शहर में कर्फ्यू के बाद उनकी अंतिम यात्रा में भारी भीड़ जुटी और स्थानीय लोगों ने ‘हत्यारों को फांसी दो’ के नारे लगाए।