अर्चना कुमारी । उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी को बांग्लादेशियों का अभेद किला माना जाता है। पुलिस तथा अन्य सरकारी एजेंसियों को इसका पता है लेकिन कभी यहां कोई एक्शन नहीं होता। घुसपैठिए सरकारी लोगों के जेब गर्म करते हैं और इलाके में हर एक तरह का गलत काम करते रहते हैं ।
इसकी वजह से बांग्लादेशी घुसपैठ जहांगीरपुरी में लगातार बढ़ रहे हैं। करीब 2 साल पहले जब नागरिक संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन हुआ था तब यहां से महिलाओं को बस और टेंपो में भर -भर कर भेजा गया था। उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के बाद जहांगीरपुरी में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी और कई बार दंगा होते-होते बचा था। इस बार हनुमान जयंती शोभा यात्रा को निशाना बनाया गया।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि शोभा यात्रा पर हमला करने का मास्टरमाइंड अंसार नामक बांग्लादेशी है, जो जहांगीरपुरी थाने के संरक्षण में सट्टा कारोबार चलाता है । पुलिस सूत्रों का कहना है कि अंसार ही अपने गुर्गों के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से हमला करवाया । इसके लिए गोली पिस्तौल से लेकर घरों की छतों पर ईंट पत्थर रखे गए थे। इस बीच रविवार शाम को पुलिस ने बताया कि मामले में दो नाबालिग और 23 लोगों को पकड़ा गया ।
जबकि इनसे तीन तमंचा और पांच तलवारें बरामद किया गया । सूत्रों का दावा है कि पहले मुस्लिमों को पकड़ा गया और फिर बाद में मुस्लिम नाराज ना हो जाए इसलिए पुलिस ने रणनीति बदलते हुए कुछ हिंदुओं को भी दबोचा । पुलिस के अनुसार यह गिरफ्तारी इलाके से सौ से ज्यादा मिली वीडियों फुटेज के आधार पर की गई है। सभी जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं। इसकी पहचान मास्टरमाइंड अंसार (35) अकरम (22) जाकिर(22) इम्तियाज(29) जाहिद(22) आतिर(35) मो.अली उर्फ जसोद्दीन(27) शहजाद(37) मुख्तियार अली(28) आमिर(22) असतर(36) नूर असलम(28) मो. असलम उर्फ कुड्डू (22) और मो. अली हसन(22)शेख सौरभ(42) सूरज(21) नीरज (19) सुकन (45) सुरेश (43)सुजीत सरकार (38) सलीम उर्फ चिकना और दो नाबालिग के तौर पर की गई ।
ऐसे में पुलिस का कहना है कि जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के मौके पर शनिवार शाम हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद हालात नियंत्रण में है। अब इलाके में तनाव के बीच शांति का माहौल है। हालात पर काबू करने के बाद पुलिस अब ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है। इससे पहले शनिवार देर रात को जहांगीरपुरी थाने में बलवा करने, सरकारी काम में बाधा, ड्यूटी के दौरान हमला, मारपीट, आगजनी, जानलेवा हमला, आपराधिक षडयंत्र और ऑर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी। पुलिस ने रविवार को मामले में मुख्य आरोपी अंसार समेत कुल 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
इसमें भीड़ पर गोली चलाने वाले युवक एक युवक असलम व उसके दो भाईयों को पिस्टल समेत गिरफ्तार किया गया । हिंसा के दौरान पुलिस के आठ जवानों समेत कुल 9 लोग जख्मी हुए थे। इनमें एक एसआई के हाथ में गोली लगी थी। सभी की हालत खतरे से बाहर है। पुलिस बल के साथ विशेेष आयुक्त दीपेंद्र पाठक (स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर) रविवार को दिनभर मौके पर डटे रहे। उनका कहना था कि उनकी प्राथमिकता शांति व्यवस्था को बहाल करना है।
फिलहाल पूरी तरह से शांति है। अब बलवा करने वालों की तलाश की जा रही है जबकि शांति कायम करने के लिए सीआरपीएफ और आरएएफ की पांच कंपनियां और भेजी हैं। पुलिस ने करीब 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और वीडियो जिनकों बलवे के दौरान अलग-अलग मोबाइल से बनाया गया था उनको कब्जे में लिया है। जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद से राजधानी अलर्ट मोड पर है।
दिल्ली के तमाम संवदेनशील इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। ड्रोन से वहां पर नजर रखी जा रही है। पूरी राजधानी की किलेबंदी कर दी गई है। हर जिले में पुलिस उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमन कमेटियों के साथ बैठक कर लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहे हैं।