राजनीति के महाकाश में , एक नया दल उदित हो रहा;
“जय हिंदू-राष्ट्र” ये नामकरण है,भारत का सौभाग्य जग रहा
विश्व के जितने भी हिंदू हैं , इसके सदस्य सब हो सकते हैं ;
संविधान की सीमाओं में , हर चुनाव लड़ सकते हैं ।
परम उद्देश्य यही है इसका , देश को हिंदू – राष्ट्र बनाना ;
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , हर कीमत पर इसे बचाना ।
इतनी गंदी राजनीति है , राष्ट्र को हर पल तोड़ रही है ;
इसको राष्ट्र – नीति करना है , भारत माता मांग रही है ।
बड़ी विषम स्थिति आयी है , हिंदू – धर्म पे बन आयी है ;
हिंदू – नेता बन चुके हैं कायर , इन सबने ही मार खायी है ।
शाहीन बाग़ हो , रोड जाम हो , चाहे इनकी हो घेराबंदी ;
डरकर लेते कानून को वापस,जिम्मी जेहादी की जुगलबंदी।
कश्मीर गया ,बंगाल भी जाता , इनको केवल रोना आता ;
पंजाब की बारी आने वाली , तमिलनाडु ,केरल भी जाता ।
हम हिंदू हैं राष्ट्र हमारा , इसको नहीं टूटने देंगे ;
चाहे कुछ भी करना पड़े पर , राष्ट्र नहीं झुकने देंगे ।
अयोग्य लोग सत्ता पर काबिज , ऐसी ही सरकार है ;
पता नहीं क्या हुआ है इनको ? क्या सारे मक्कार हैं ?
हिंदू को ये बंधुआ समझें , उसका वोट कहां जायेगा ?
इसीलिये हिंदूवादी दल , जल्दी ही अब आयेगा ।
“जयहिंदूराष्ट्र” का गठन होरहा,अतिशीघ्र ही इसको आना है
आगामी संसद चुनाव में , एक-एक सीट लड़ाना है ।
हर हिंदू तैयार हो रहा , हमको राष्ट्र बचाना है ;
धर्म बचेगा , राष्ट्र बचेगा , हिंदू – राष्ट्र बनाना है ।
राष्ट्रभक्त जितने हैं हिंदू , चाहे किसी भी दल में हों ;
अपने – अपने दल को छोड़ें , करें राष्ट्र के हित में हो ।
राष्ट्र की रक्षा सर्वोपरि है , “जय हिंदू-राष्ट्र” में आ जाओ ;
सर्वश्रेष्ठ ये कार्य हमारा , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
केवल हिंदू – धर्म ही ऐसा , सबकी रक्षा करता है ;
कोई भी हिंदू बच न पाये , जब बर्बर-मजहब रहता है ।
बर्बर – संहारों से बचना है , “जय हिंदू-राष्ट्र” में आना है ;
एकमात्र बस मार्ग यही है , धर्म सुरक्षित करना है ।
धर्म सुरक्षित हो जायेगा , हिंदू- राष्ट्र भी बन जायेगा ;
स्वागत की तैयारी कर लो , “जय हिंदू-राष्ट्र” दल आयेगा ।
(संयोजक ” जय हिंदू-राष्ट्र”, उदीयमान राष्ट्रीय दल)
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”