पाकिस्तान के शहर रावलपिंडी में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच एक गोपनीय बैठक हुआ है। इसमें भारत पर आतंकी हमले करने से लेकर हिंदू- मुस्लिम दंगा को लेकर प्लानिंग की गई। इस बैठक की जानकारी मिलने के बाद से भारतीय खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
ऐसा नहीं है कि पहली बार कोई नापाक गठबंधन हुआ है। इससे पहले भी कई बार दोनों मिलकर भारत पर हमला कर चुके हैं। एक ऐसे ही हमले में पुलवामा में 40 सैनिकों की जान जा चुकी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पुलवामा हमले को लेकर 13500 पन्नों का आरोप पत्र दायर कर दिया है। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर तथा उसके भाई अब्दुल राऊफ असगर को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
खुफिया एजेंसियों का है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण से पहले पाक समर्थित आतंकी संगठन भारत में बड़ा हमला करने की फिराक में है। साथ ही इनकी योजना हिंदू मुस्लिम दंगा कराए जाने की है। पाक समर्थित आतंकी संगठन ने अपने स्लीपर सेल के जरिए हमले की रणनीति तैयार की है। सूत्रों का कहना है कि स्लीपर सेल के तौर पर भारत में मौजूद पाकिस्तान समर्थित आतंकी बौखलाए हुए हैं।
स्पेशल सेल की गिरफ्त में आए मुस्तकीम खान जैसे आतंकी बदला लेने के लिए देशभर में हमलों और दंगों की साजिश रचने में जुटे है। खुफिया एजेंसियों को पता लगा है कि इस्लामिक आतंकी साल 1993 जैसा साम्प्रदायिक माहौल बनाने की फिराक में हैं।
यह आतंकी मंदिर को मुख्य मुद्दा बनाकर आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद समेत दक्षिणपंथी समूहों के नेताओं के साथ भाजपा नेताओं को मारने और दंगे भड़काने की लगातार साजिश रच रहे हैं। इस इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने इस संबंध में राज्यों को अलर्ट कर दिया है।
खुफिया एजेंसियों के द्वारा गृह मंत्रालय को भेजे गए अलर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के आतंकी और पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकियों को इस कार्य के लिए निर्देश मिल चुका है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की निंदा से बचने के लिए पाकिस्तान ने इस बार सीमा पार से आतंकियों को नहीं भेज कर भारत में मौजूद अपने स्लीपर सेल के सहारे ही आतंकी मंसूबों को पूरा करने की फिराक में है।
वैसे यह भी संभव है कि पाकिस्तान भारत में मौजूद स्लीपर सेल की लंबे समय तक कोई गतिविधियां नहीं देख अपने आतंकियों को भी सीमा पार करा सकती है। इन आतंकियों के भारत में घुसने का एक ही मकसद होगा की पुलवामा तथा उरी जैसे अटैक किए जाएं ताकि भारतीय सेना का मनोबल गिराया जा सके।
सनद रहे कि इसी तरह के हमले पुलवामा में हुए थे, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार को साल 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमला के मामले में चार्जशीट दायर कर दी है और 13,500 पन्नों की आरोपपत्र में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अज़हर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर को आरोपी बनाया गया है।
चार्जशीट में मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक, आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और अन्य आतंकवादी कमांडर के नाम भी शामिल हैं। ये सभी नाम अब तक गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों के अलावा शामिल किए गए हैं। चार्जशीट में सभी आरोपियों के खिलाफ तगड़े सबूतों के साथ मजबूत केस बनाया है। इसमें उनकी चैट, कॉल डिटेल्स आदि शामिल हैं जो हमले में उनकी भूमिका की पुष्टि करते हैं।
Central Govt must be aware & alert on this news. Probably the ministries might be getting ready to foil their plans . May be our agencies wud be ready to receive them .