राफेल डील को लेकर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल द्वारा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि पर उठाए गए सवाल का केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करारा जवाब दिया है। कपिल सिब्बल ने उन पर हितो के टकराव का आरोप लगाते हुए उनसे राफेल डील की ऑडिट प्रक्रिया से हट जाने को कहा था। सिब्बल का कहना था कि चुंकि वित्त सचिव होने के नाते वे उस वार्ता के हिस्सा थे जिसकी जांच होनी है। सिब्बल के इस आरोप पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए जेटली ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को झूठ के आधार पर इस प्रकार संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाकर उसे बदनाम करने से बाज आना चाहिए।
अरुण जेटली ने सिब्बल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ‘झूठ’ के आधार पर कैग पर आक्षेप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने वालों ने झूठ को आधार बनाकर कैग जैसी संस्था पर एक बार और हमला किया है। उन्होंने कहा कि दस साल तक सरकार में रहने के बाद भी कपिल सिब्बल, जो पूर्व में मंत्री भी रह चुके हैं, को नहीं पता है कि वित्त सचिव महज एक पद है जो वित्त मंत्रालय के वरिष्ठतम सचिव को दिया जाता है।
बीमारी का इलाज कराकर अमेरिका से लौटे जेटली ने कहा कि वित्त सचिव वित्त मंत्रालय के वरिष्ठतम सचिव को दिया जाने वाला पद है और राफेल फाइल की प्रक्रिया में उसकी कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘सचिव (आर्थिक मामलों ) की रक्षा मंत्रालय के व्यय संबंधी फाइलों में कोई भूमिका नहीं होती। रक्षा मंत्रालय की फाइलों को सचिव (व्यय) देखते हैं’
This comes from a party that appointed a former Defence Secretary, Shashi Kant Sharma, as the #CAG in 2013.
Series of PILs in the #SupremeCourt had pointed out Sharma had cleared defence deals, including Chopper scam, that he had to now examine as #CAG. SC upheld appointment. https://t.co/uSKa86ADeN
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) February 10, 2019
इस संदर्भ में वरिष्ठ पत्रकार उत्कर्ष आनंद ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार ने साल 2013 में रक्षा सौदे को मंजूरी दिलाने के लिए पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को सीएजी बनाया था। शर्मा की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं भी दी गई थी। उन याचिकाओं में कहा गया था कि जो व्यक्ति रक्षा सचिव के रूप में वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदा समेत कई रक्षा सौदों को मंजूरी दी हो वही व्यक्ति सीएजी के रूप में उसकी जांच कैसे कर सकता है? गौर हो कि उनकी नियुक्ति के खिलाफ दी गई कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति के समर्थन में फैसला दिया था।
URL: Jaitley’s reply to Sibal’s response to CAG report on Rafael!
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