चीन आर्थिक रूप से चारों तरफ से घिरता जा रहा है. भारत ने हाल ही में उसकी 118 एप्स पर बैन लगा कर उसका बड़ा आर्थिक नुकसान तो कर ही दिया. अब जापान भी उसके साथ सख्ती से पेश आ रहा है. जापान ने कहा है कि वह उन जापानी कंपनियों को सब्सिडी यानि आर्थिक मदद प्रदान करेगा जो चीन छोड़्कर आसियान देशों में अपने उत्पादन सेंटर शिफ्ट कर लेंगी. साथ ही जापान ने भारत और बांग्लादेश को भी इस सूची में शामिल किया है.
जापान की सरकार ने कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिये सब्सिडी के रूप मे अपने 200 के पूरक बजट में 221 मिलियन डांलर यानि लगभग 1,615 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.
इस सब्सिडी कार्यक्रम के दायरे को विस्तृत करने का उद्देश्य जापान के लिये एक क्षेत्र विशेष पर अपनी निर्भरता कम करना है, जिससे आपतकालीन समय में विशेषकर चिकित्सा संबंधी और एलेक्ट्रांनिक उपकरणों की उपलब्धि आसानी से हो सके.
वर्तमान समय में जापानी कंपनियों की आपूर्ति क्षमता चीन पर खासा निर्भर करती है. कोरोनावायरस की वजह से इस आपूर्ति में काफी कटौती हुई थी. जापान में चीन से आयात किया गया सामान फरवरी में लगभग आधा हो गया था.
यह भारत के लिये व्यावसायिक दृष्टिकोण से एक बहुत बड़ी बात है. और तकनीक के लिहाज़ से भी क्योंकि जापानी कंपनियां अपनी उत्कृष्ट टेक्नांलाजी के लिये जानी जाती हैं. तो जब ये कंपनिया भारत आयेंगी तो ज़ाहिर सी बात है कि भारत को टेक्नांलजी ट्रांस्फर का भी लाभ मिलेगा. वैसे भी भारत क्वैड फोरम के अंतर्गत जापान के साथ मिलकर एशिया पैसिफिक रीजन के लिये वकल्पिक सपलाई चेन्स बनाने में काम कर रहा है जिससे देशों की चीन पर निर्भरता कम हो जाये.