सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में आतंकियों और अपराधियों के इनकाउंटर मामले में निगरानी समिति की जांच रिपोर्ट को खोलने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से एक बार फिर जावेद अख्तर तथा बीजी वर्गीज जैसे छद्म उदारावादियों और सेक्युलरवादियों को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को घेरने के साथ अनाप-शनाप फेक न्यूज फैलाने का अवसल मिल गया है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में हुए एनकाउंटर मामले में निगरानी समिति की रिपोर्ट की वैधता पर गुजरात सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एचएस बेदी की अध्यक्षता में इस मामले की देखरेख के लिए निगरानी समिति गठित की थी।
#Gujarat fake encounter cases: Setback for #Gujarat Govt as #SupremeCourt rejects its objections to the validity of the final report by Justice HS Bedi as chairman of the SC-appointed monitoring committee. Report will be shared with petitioners Javed Akhtar & BG Verghese. (1/2)
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) January 9, 2019
गुजरात सरकार ने जस्टिस एचएस बेदी की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट की वैधता को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की आपत्तियों को खारिज कर दिया। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने निगरानी समिति की जांच रिपोर्ट इस मामले के याचिकाकर्ता जावेद अख्तर तथा बीजी वर्गीज को भी देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के तहत जावेद अख्तर और बिजी वर्गीज एक बार फिर से मोदी और शाह के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने में खुल कर उपयोग करेंगे। इससे साफ पता चलता है कि भारतीय न्याय व्यवस्था में कांगियों और वामियो की कितने गहरे स्तर तक पैठ है।
Justice Bedi & the monitoring committee has overseen investigations into 24 encounter cases from 2002 to 2006 in #Gujarat. Narendra Modi was the chief minister of the state in this period. The final report contains comments on the merits of the case and indicts several people. https://t.co/yaWQB74YKD
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) January 9, 2019
जस्टिस एचएस बेदी तथा निगरानी समिति ने गुजरात में 2002 से लेकर 2006 तक के बीच हुए 24 इनकाउंटर की जांच की थी। मालूम हो कि इस दौरान वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। जस्टिस बेदी तथा निगरानी समिति की रिपोर्ट में इनकाउंटर मामले की विशेषता पर टिप्पणियों को भी समाहित किया गया है, इसके अलावा इस रिपोर्ट में कई लोगों को भी शामलि किया गया है। हालांकि गुजरात सरकार ने रिपोर्ट की वैधता पर सवाल उठाते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की आपत्तियों को दर किनारा कर वह रिपोर्ट याचिकाकर्ता जावेद अख्तर के साथ साझा करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश राज्य सरकार के लिए एक झटका माना जा रहा है। क्योंकि यह तो सर्वविदित है कि जावेद अख्तर की राजनीति मोदी विरोधी रही है। वे खुद तो उदारवादी और सेक्युलरवादी कहते हैं, लेकिन कई मौकों पर मुसलिम कट्टरवादियों के प्रति उनका समर्थन जगजाहिर हो चुका है। ऐसे में एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के हवाले से जावेद अख्तर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ झूठा प्रचार करने का एक झुनझुना हाथ लग गया है। और इसका रास्ता प्रशस्त किया है सुप्रीम कोर्ट ने।
URL : Javed Akhtar and gang will again go to ‘Fake Encounter’ on Narendra Modi!
Keyword : Encounter in Gujrat, Supreme court, monitoring committeee, justice HS Bedi, गुजरात सरकार, जावेद अख्तर, नरेंद्र मोदी, अमित शाह