अर्चना कुमारी । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है और इस बार कथित वामपंथ के गढ़ के बाहर भगवा ही भगवा नजर आने से चर्चा शुरू हुई है । जेएनयू विश्वविद्यालय के गेट के बाहर का नजारा हो या फिर पिछला गेट। चारों तरफ भगवा रंग का निशान देखने को मिला। कुछ देर तक ही सही लेकिन जेएनयू केंपस के आसपास के सभी सड़कों पर भगवा झंडा लगा पाया गया।
इसके अलावा साथ ही साथ एक बोर्ड भी लगा हुआ मिला, जिस पर भगवा जेएनयू लिखा गया । इतना ही नहीं विश्वविद्यालय के गेट पर बाहर लाइन से खड़े ऑटो पर भी भगवा झंडा लगा हुआ मिला। जब इसकी सूचना पुलिस तक पहुंची तो कुछ देर में पुलिस ने वहां से झंडा -पोस्टर और बैनर को हटा दिया क्योंकि इससे कथित सेकुलर वादियों के पेट में दर्द होने की आशंका थी।
पुलिस का कहना है कि छात्र-छात्राएं भगवा को देखकर लाल हो गई थी और विवाद बढ़ता इससे पहले ही सारे झंडे तथा बैनर को आनन-फानन में तुरंत हटा दिया गया। बताया जाता है कि पिछले कुछ दिनों मे जिस तरह जेएनयु मे राइट और लेफ्ट के गुटों मे लड़ाई चल रही है । उससे विश्वविद्यालय पढ़ाई लिखाई की बजाय कुश्ती का अखाड़ा लगने लगा है । पिछले दिनों ही रामनवमी में मांसाहार के सेवन को लेकर वामपंथी और दक्षिणपंथी विचार के छात्र छात्राओं के बीच झड़प के बाद मारपीट हो गई थी।
ऐसे में कैंपस के बाहर भगवा लहराने से एक नया राजनीति तूल पकड़ सकता है। वैसे इस भगवा को लहराने का दावा हिंदू सेना ने किया है। हिंदू सेना का कहना है कि JNU वामपंथियों का किला माना जाता है और इसे ढहाने का काम हिंदू सेना करेगी। मौके पर ऑटो चलाने वाले का कहना था कि वे लोग रात को यहीं पर ऑटो लगाकर सोने चले जाते हैं। अगले सुबह आकर देखा कि उनके ऑटो के ऊपर भगवा लगाया गया है। पता नहीं किसने ये भगवा कपड़ा लगा दिया है।
लेकिन वह इसे नहीं हटाएंगे। क्योंकि वह हिंदू है और भगवा वह पसंद करते हैं जबकि इस बीच हिन्दू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत यादव ने जेएनयु के आसपास लगे भगवा कलर और बोर्ड लगाने की जिम्मेदारी ली और कहा कि भगवा का अपमान करने वालों सुधर जाओ नहीं तो हिन्दू सेना कोई और कदम उठाएगी। इस मामले में जिले के पुलिस कप्तान मनोज सी जो आमतौर पर मीडिया से दूर रहते हैं उन्होंने आनन-फानन में टेक्स्ट मैसेज के जरिए यह जानकारी शेयर की ।
उनका कहना था कि उनकी जानकारी में इस तरह की बात सामने आई। JNU पर लगे पोस्टर और भगवा झंडे को तत्काल हटा दिया गया है। इस मामले में जरूरी कार्रवाई पुलिस टीम कर रही है। प्रबल संभावना है कि इसको लेकर हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं को टारगेट किया जाएगा। इस मामले को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज कर दिया गया है जबकि जल्द ही कुछ लोगों की गिरफ़्तारी भी सुनिश्चित की जाएगी।