नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (इंडिया) ने इंडिय़ा न्यूज के प्रधान संपादक दीपक चौरसिया को आम आदमी पार्टी के नेताओं की तरफ से दी जा रही धमकियों की निंदा की है। दीपक चौरसिया की तरफ से इस बारे में सफदरजंग एंक्लेव थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। एनयूजे ने इस मामले में धमकी देने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कारर्वाई की मांग की है।
एनयूजे के अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्री, प्रवक्ता और अन्य नेता लगातार पत्रकारों को धमका दे रहे हैं। दिल्ली सचिवालय में भी आप नेताओं से सवाल पूछने वाले पत्रकारों को घुसने नहीं दिया जाता है। चिकनगुनिया के बारे में सवाल पूछने पर दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने एक पत्रकार के साथ बदसुलूकी भी की। उन्होंने बताया कि 13 सितंबर को अपने कार्यक्रम के दौरान दीपक चौरसिया ने कपिल मिश्रा से फोन पर सवाल पूछने की कोशिश की तो उन्हें धमकाया गया। इसके बाद उनका फोन सार्वजनिक कर दिया गया।
रासबिहारी ने बताया कि दीपक चौरसिया को फोन पर लगातार धमकियां दी जा रही है। उन्हें धमकी भरे मैसेज किए जा रहे हैं। विदेशों से भी धमकी भरे फोन कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पत्रकार शेखऱ गुप्ता के चिकनगुनिया से हुई मौतों को लेकर किए गए एक ट्वीट पर अरविन्द केजरीवाल ने बहुत ही अपमानजनक टिप्पणी की। इससे पहले कई पत्रकारों को केजरीवाल के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। कुछ पत्रकारों को तो केजरीवाल के दवाब में नौकरी भी छोड़नी पड़ी।
एनयूजे अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि अभिव्यक्ति की आजादी का पूरा ठेका अरविन्द केजरीवाल, उनके मंत्रियों और प्रवक्ताओं ने ही ले रखा है। आप के नेता पत्रकारों के सवाल पूछने पर भड़क जाते हैं। नाराजगी के कारण पत्रकारों को सरकार की तरफ होने वाले संवाददाता सम्मेलनों की जानकारी नहीं दी जाती है। सोशल मीडिया में उनके बॉयकाट की खबरे चलाई जाती हैं।
एनयूजे की तरफ से आप नेताओं द्वारा दी जा रही धमकियों के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जाएगा। रासबिहारी ने कहा है कि अगर दीपक चौरसिया को धमकाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो जल्दी ही दिल्ली सचिवालय के सामने धरना दिया जाएगा।