रहिमन विपदा हू भली, जो थोरे दिन होय. हित अनहित या जगत में, जान परत सब कोय…भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह स्वाइन फ्लू से बीमार क्या हुए मानवता के पक्षधरों की असली मानवता सामने आ गई। मानवता, तथाकथित सेक्युलरों और शांतिदूत के झंडावदारों की क्रूर प्रवृत्ति और विद्रुपता सामने आ गई। राघव बहल द्वारा संचालित वेबसाइट the quint की सोशल मीडिया हेड स्तुति मिश्रा ने तो अमित शाह की मौत तक की कामना कर बैठी। स्तुति मिश्रा ही क्यों उनके जैसे कई शांतिदूत उनकी मौत की कामन करने में जुट गए वो भी सरेआम। कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद ने तो यहां तक कह दिया है कि अमित शाह को कर्नाटक सरकार का श्राप लगा है इसलिए वे बीमार पड़े हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मोदी-शाह की मौत की कामना की गई हो, ये लोग शुरू से ही इन दोनों की मौत की कामना करते रहे हैं, लेकिन ये लोग यह नहीं जानते की कसाई के श्राप से गाय नहीं मरा करती।
मुझे स्वाइन फ्लू हुआ है, जिसका उपचार चल रहा है। ईश्वर की कृपा, आप सभी के प्रेम और शुभकामनाओं से शीघ्र ही स्वस्थ हो जाऊंगा।
— Amit Shah (@AmitShah) January 16, 2019
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जैसे ही अपने वारे में स्वाइन फ्लू से बीमार होने की जानकारी दी, वामी-कांगी पत्रकारों से लेकर देश में ‘शांतिदूत’ की संज्ञा पाने वाले समुयदाय के लोग उनकी मौत की कामना करने में जुट गए।
She is the social media head of quint @StuteeMishra … liberal’s FOE .. Cobra se bhi jaayda Posionous hai ye log ! pic.twitter.com/bUGyhaupn0
— Ravi Ranjan (@RaviRanjanIn) January 16, 2019
' कर्नाटकर सरकार का लगा है श्राप, इसलिए अमित शाह को हुआ है सुअर का रोग ' – https://t.co/FVUq6GaS8K#KarnatakaPoliticalCrisis @AmitShah pic.twitter.com/lD90R9jmN5
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) January 17, 2019
the quint की सोशल मीडिया हेड स्तुति मिश्रा ने सरेआम ट्वीट कर अमित शाह की मौत की कामना कर बैठी। अमित शाह के बीमार होने की खुशी उनसे छिपाई तक नहीं गई, आश्स्त होने के लिए उन्होंने लोगों से पूछ भी लिया कि इस बीमारी से मौत होती है कि नहीं?
An insensitive tweet by Stuti Mishra, an employee of The Quint has been brought to our notice. The Quint strongly condemns any such statement. Due action will be taken. The entire Quint team wishes BJP President, Shri Amit Shah, a speedy recovery.
— The Quint (@TheQuint) January 16, 2019
हालांकि क्विंट ने अपनी कर्मचारी स्तुति मिश्रा के ट्वीट को असंवेदनशील बताते हुए उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिन यह दिखावा मात्र है। क्योंकि स्तुति मिश्रा जिस क्विंट की सोशल मीडिया हेड हैं उनके मालिकान भी मोदी-शाह के हितैषी नहीं रहे हैं। क्विंट के मालिक राघव बहल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को बदनाम करने में कोई कोर कसर छोड़ नहीं रखा है। ये वही राघव बहल हैं जिनके भ्रष्टाचार पर खड़े मीडिया साम्राज्य का खुलासा चेन्नई आयकर विभाग ने किया था। आयकर विभाग के मुताबिक 2008 में राघव बहल ने पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को घूस देकर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी हांसिल की थी।
मालूम हो कि 2008 में राघव बहल ने अपनी मीडिया कंपनी टीवी-18 के लिए विदेशी निवेश के लिए मंजूरी ली थी। बाद में उसे बेच कर ही क्विंट नाम की वेबसाइट शुरू की। उनके भ्रष्टाचार के कारण ही आयकर विभाग के अधिकारियों ने उनके क्विंट दफ्तर और घर दोनों जगह छापेमारी की थी। आजकल तो चलन बन गया है कि जब भी कोई जांच एजेंसी किसी को घेरती है वह तुरंत ही सरकार पर फंसाने का आरोप लगाने लग जाते हैं। कारण देते हैं कि वह सरकार के गलत चीजों को बाहर ला रहे हैं इसलिए सरकार बल प्रयोग कर उनकी आवाज दबा रही है।
This is a fake apology. A face saving excercise.
I know for sure that intense hate for and negativity is the work culture of @TheQuint. In fact, people like Stuti Mishra are encouraged and promoted.
They must be exposed by every positive person. https://t.co/0KbCV8VsJ0
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 17, 2019
द क्विंट ने जिस प्रकार अपनी कर्मचारी की असंवेदनशील ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है वह भी फेक है। यह बात फिल्म निर्माता ने कही है। उन्होंने क्विंट की प्रतिक्रिया वाले ट्वीट की प्रतिक्रिया में लिखा है कि उनकी प्रतिक्रिया भी एक प्रकार से फेक है। यह प्रतिक्रिया उन्होंने अपना चेहरा बचाने के लिए ही दी है। ध्यान रहे कि क्विंट ने अपनी कर्मचारी की हरकत पर गलती नहीं मानी है। विवेक अग्निहोत्री ने लिखा है कि वह जानते हैं कि क्विंट का वर्क कल्चर ही घृणा और नकारात्मकता फैलाने वाला है। असल में स्तुति मिश्रा जैसे लोगों को वहां प्रोत्साहन और उन्नति मिलती है।
अध्यक्ष जी @amitshah के swine flu पर एक ख़ास वर्ग के लोगों का कमेंट देखे ! ताली हमेशा दोनो हाथ से बजती है। ऐसे लोग क्या तो बहुत शांति प्रिय होते है ये मैं नहीं रविश जी जैसे सरीखे पत्रकार बोलते है ! pic.twitter.com/MmKAX2uZIT
— Ravi Ranjan (@RaviRanjanIn) January 16, 2019
अमित शाह की मौत की इच्छा रखने वालों में क्विंट और स्तुति मिश्रा ही नहीं हैं बल्कि रवीश कुमार सरीखे तथाकथित सेक्युलर पत्रकार के मुंह से देश में शांतिदूत की संज्ञा पाने वाले समुदाय के लोगों की पूरी फौज है। रविरंजन ने उसकी पूरी सूची ही डाल कर ऐसे लोगों को बेनकाब किया है।
कांग्रेस और कम्युनिस्ट ecosystem में पैदा हुए और पले बड़े नेताओं ने और NDTV Quint जैसे पत्रकारों ने अपनी बदमिजाजी और दबी भावना का ही परिचय ऐसे tweets के माध्यम से दिया है @AmitShah https://t.co/xyqAFaaKRI
— विकास प्रीतम सिन्हा (@VikashPreetam) January 17, 2019
https://twitter.com/indiantweeter/status/1085588539717373952
स्तुति मिश्रा जैसे फेक पत्रकार इसी प्रकार की हरकत करती है, वह हिट एंड रन के सिद्धांत से संचालित होती हैं, यह इनकी पीढ़ीगत आदत है कि वार करो और फिर भाग जाओ। तभी तो उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है।
जो इंसान किसी बीमार इंसान के लिए पब्लिक प्लैट्फ़ॉर्म पर मौत माँगे, वो ख़ुद बेहद बीमार है. पहले उसी का इलाज होना चाहिए #ThursdayThoughts
— Manak Gupta (@manakgupta) January 17, 2019
इन्हीं लोगों की हरकत को देखते हुए वरिष्ठ पत्रकार मानक गुप्ता ने कहा है कि दरअसल में ये लोग मानसिक रूप से बीमार हैं। जो व्यक्ति किसी बीमार इंसान के लिए सार्वजनकि रूप से मैत की कामना करे वे लोग मानसिक रूप से स्वस्थ हो नहीं सकते। इसलिए इनसे संवेदनशील होने की अपेक्षा की ही नहीं जा सकती क्योंकि सबसे पहले इन्हें अपना इलाज कराना चाहिए।
URL : journalists and mims wishing death of Shah who suffering Swine Flu !
Keyword : amit shah, unsensitive journalists, Swine flu, the quint,BPP, संवेदनहीनता, अमित शाह